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Sunday, 22 September, 2024
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फ्यूचर रिटेल का न्यायालय से अनुरोध, डिफाल्ट होने पर कंपनी को एनपीए घोषित न करें ऋणदाता

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नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय का रुख करते हुए अनुरोध किया कि 3,494.56 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट के मामले में कंपनी को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित करने से उसके ऋणदाताओं को रोका जाए।

इस महीने की शुरुआत में फ्यूचर रिटेल ने कहा था कि वह बैंकों और ऋणदाताओं को तय तारीख पर 3,494.56 करोड़ रुपये की अदायगी नहीं कर सकी, क्योंकि अमेजन के साथ चल रहे मुकदमे के कारण कंपनी संपत्ति नहीं बेच सकी है।

उक्त राशि का भुगतान अब इस महीने के अंत तक किया जाना है।

एफआरएल ने मंगलवार को एक अत्यावश्यक याचिका दायर करते हुए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया, ‘‘प्रतिवादी संख्या 2-28 (ऋणदाताओं) को याचिकाकर्ता क्रमांक 1 (एफआरएल) को गैर-निष्पादित संपत्ति घोषित करने से रोकने के लिए निर्देश जारी करें।’’

फ्यूचर समूह की फर्म ने कर्ज अदा करने के लिए कुछ और समय मांगा है और न्यायालय से अनुरोध किया कि छोटे आकार की दुकानों के मौद्रिकरण के लिए मसौदा समझौते के तहत निर्धारित समयसीमा को दिनांक 01.01.2022 की बैठक के अनुसार बढ़ाया जाए।

एफआरएल द्वारा देय तिथि (31 दिसंबर, 2021) तक कर्ज नहीं चुकाने पर ऋणदाताओं ने उसे कोविड-19 से प्रभावित कंपनियों के लिए एकमुश्त पुर्नगठन (ओटीआर) योजना के तहत 30 दिन का अतिरिक्त समय दिया।

एफआरएल ने पिछले साल बैंकों और ऋणदाताओं के एक संघ के साथ ओटीआर योजना में प्रवेश किया था और इसके तहत उसे 31 दिसंबर, 2021 तक कुल 3,494.56 करोड़ रुपये चुकाने थे।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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