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Sunday, 17 November, 2024
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भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशी तस्कर गिरोह के कथित सरगना को न्यायालय ने दी जमानत

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नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सीमा सुरक्षा बल और सीमा शुल्क अधिकारियों की कथित मिलीभगत से भारत-बांग्लादेश सीमा पर चल रहे करोड़ों रुपये के पशु तस्करी गिरोह के एक मुख्य आरोपी को जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के, कथित तौर पर पशु तस्कर गिरोह के सरगना मोहम्मद इनामुल हक की जमानत याचिका खारिज करने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार कर लिया।

पीठ ने कहा, “…आरोपों की प्रकृति, शामिल अपराध और अधिकतम सजा को ध्यान में रखते हुए, एक वर्ष और दो महीने से अधिक की हिरासत का सामना करने वाले अपीलकर्ता की निरंतर नजरबंदी की जरूरत नहीं है। इन परिस्थितियों में, हम आदेश देते हैं और निर्देश देते हैं कि अपीलकर्ता (हक) को ऐसे नियमों और शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा किया जाएगा, जिनका आसनसोल में विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) द्वारा विरोध किया जा सकता है।”

सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने जमानत याचिका का विरोध किया और उच्च न्यायालय के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि कोच्चि में एक मामले में हक की पूर्व संलिप्तता से संकेत मिलता है कि उसे भारत-बांग्लादेश सीमा के पार मवेशियों की तस्करी के इसी तरह के अपराध करने की आदत है।

उन्होंने कहा, “उस पर सीमा पर स्थितियों का गलत फायदा उठाने के गंभीर आरोप हैं और इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे का संकेत देते हैं…।”

लेखी ने कहा कि बीएसएफ अधिकारियों की मिलीभगत की जांच अब भी लंबित है और उसे जमानत देना अनुचित होगा।

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने न्यायोचित कारणों से समानता के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया कि अपीलकर्ता मुख्य अपराधी था जिसके इशारे पर साजिश रची गई थी और रिश्वत का भुगतान किया गया था।

हक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह छह नवंबर, 2020 से हिरासत में हैं और जांच के बाद आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र प्रस्तुत करने से आरोपी अनावश्यक रूप से हिरासत में है।

उन्होंने कहा कि अपीलकर्ता को छोड़कर अन्य सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है और बीएसएफ के कमांडेंट को भी जमानत दे दी गई है, जिस पर रिश्वत लेने का आरोप है।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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