… पूनम मेहरा…
नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम ने दिल्ली में कोविड-19 के खतरे और ठंड के मौसम से बचने के लिए अगले कुछ सप्ताह तक अपने गृह राज्य मणिपुर में अभ्यास जारी रखने का फैसला किया है। आने वाले व्यस्त कैलेंडर के लिए 38 साल की यह दिग्गज मुक्केबाज कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। एशियाई खेलों में कई बार स्वर्ण पदक जीतने के साथ लंदन ओलंपिक (2012) में कांस्य पदक जीतने वाली मैरीकॉम इस साल विश्व चैंपियनशिप (मई), राष्ट्रमंडल खेलों (जुलाई-अगस्त) और एशियाई खेल (सितंबर) में देश के प्रतिनिधित्व की दावेदारी करेंगी। उन्होंने इम्फाल से पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ हाँ, मैंने कुछ दिन पहले भारतीय मुक्केबाजी महासंघ और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) से उचित अनुमति लेने के बाद मणिपुर में प्रशिक्षण शुरू किया है क्योंकि दिल्ली में अभी कोविड-19 के मामले बहुत अधिक हैं और ठंड भी काफी अधिक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस का खतरा हमेशा मेरे लिए एक प्रमुख चिंता का विषय रहा है और मुझे याद है कि 2020 में यह कितना भयानक था। इसलिए, मैं राष्ट्रीय महासंघ, साइ और टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना समिति की आभारी हूं, जिन्होंने इस पर ध्यान दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे अगले दो-तीन सप्ताह तक मणिपुर में रहने की उम्मीद है।’’ दिल्ली में पिछले कई दिनों से कोरोना वायरस के 10,000 से अधिक मामले दर्ज किये जा रहे है और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। मैरीकॉम आम तौर पर बहु-खेल प्रतियोगिता में 51 किग्रा में प्रतिस्पर्धा करती हैं और विश्व चैंपियनशिप के लिए 48 किग्रा में रहना पसंद करती हैं। उनके कोच छोटे लाल यादव के साथ उनके सहयोगी स्टाफ भी इम्फाल में शामिल हैं। इम्फाल में वह खुद की स्थापित मुक्केबाजी अकादमी में प्रशिक्षण ले रही हैं। कुछ साल पहले शुरू हुई इस अकादमी को साइ से मान्यता मिली हुई है। मैरीकॉम ने कहा, ‘‘ पिछले कुछ समय से दिल्ली में शायद ही धूप खिल रही हो। यहाँ मणिपुर में भी सर्दी का मौसम होता है लेकिन दिन साफ होते हैं और धूप के कारण उतनी ठंड नहीं होती है।’’ महिलाओं के लिए राष्ट्रीय मुक्केबाजी शिविर हालांकि दिल्ली में जारी है जिसमें 42 मुक्केबाज हिस्सा ले रही हैं। मैरीकॉम अपने शानदार करियर के अंतिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि वह हमेशा की तरह अब भी टूर्नामेंटों को जीतने के लिए प्रेरित है। उन्होंने कहा, ‘‘तकनीकी रूप से मेरे पास प्रतिस्पर्धा करने के लिए दो और साल बाकी हैं क्योंकि मुक्केबाजी के लिए अधिकतम कट ऑफ उम्र 40 है और मैं यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक हूं कि मेरी लय जारी रहे।’’ भाषा आनन्द नमितानमिता
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