नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड के आर्थिक रूप से पिछड़े और गरीब छात्रों को इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा की तैयारी में मदद करने के लिए रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) रेलटेल की पहल ‘आकांक्षा सुपर 30’ ने पिछले पांच वर्ष में 94 प्रतिशत की सफलता दर हासिल की है।
रेलटेल ने एक बयान में कहा कि 2016 और 2021 के बीच इस परियोजना ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और कई अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों से इंजीनियरिंग करने में 167 छात्रों की मदद की है। इसने कहा कि आकांक्षा सुपर 30 का वर्तमान सत्र 2021-22 संबंधित परियोजना का सातवां बैच है।
इसने कहा, ‘2016 में परियोजना की शुरुआत से 2021 तक, इसकी समग्र सफलता दर 94 प्रतिशत रही है जो एक उत्कृष्ट उपलब्धि है।’
बयान में कहा गया, “पिछले सत्र 2020-21 में, परिणाम बहुत अच्छे रहे और 30 में से 28 छात्रों ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) पास की। इंजीनियरिंग स्नातक पूरा करने के बाद, कई छात्रों को एलएंडटी, टीसीएस और आईबीएम जैसी विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में नौकरी मिली।’’
रेलटेल के अनुसार, योजना के तहत वंचित छात्रों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार की निष्पक्ष और कड़ी प्रक्रिया के माध्यम से उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के स्कूलों से चुना जाता है। इसने कहा कि छात्रों का चयन परीक्षा में अंकों, उनकी वित्तीय स्थिति और सरकारी मानदंडों के अनुसार किया जाता है।
चयनित 30 छात्रों को देहरादून में आवासीय परिसर में रखा जाता है और उन्हें अन्य सुविधाओं के साथ मुफ्त आवास, भोजन, चिकित्सा देखभाल, कोचिंग और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
कार्यक्रम की अवधि आम तौर पर 11 महीने या इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए अंतिम परीक्षा आयोजित होने तक होती है।
रेलटेल इस परियोजना को दिल्ली स्थित एक गैर सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड लीडरशिप (सीएसआरएल)’ की मदद से कार्यान्वित कर रही है।
रेलटेल के सीएमडी पुनीत चावला ने कहा, ‘रेलटेल सीएसआर पहल के माध्यम से समाज के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है।’
भाषा नेत्रपाल माधव
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