तिरुवरुर (तमिलनाडु), 22 जनवरी (भाषा) तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा जिलों में विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सरकार से केंद्रीय सहायता की प्रतीक्षा करने के बजाय पूर्वोत्तर मानसून से बुरी तरह प्रभावित किसानों को तुरंत मुआवजा देने की मांग की।
पार्टी ने इस धान खरीद सीजन के लिए शुरू किए गए नये ऑनलाइन पंजीकरण के बजाय सीधे किसानों से धान की खरीद के लिए एक आसान व्यवस्था को लागू करने की भी मांग की।
यहां प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए पूर्व खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री आर. कामराज ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार को वादे के मुताबिक किसानों को 20 हजार रुपये मुआवजे के रूप में देने के लिए कदम उठाने चाहिए।
पूर्व मंत्री ने बाद में पत्रकारों से कहा, ‘‘पूर्वोत्तर मानसून के जाने के एक महीने बाद भी प्रभावित किसानों तक राहत नहीं पहुंच पाई है। सरकार को केंद्रीय सहायता की प्रतीक्षा करने के बजाय अपने पास उपलब्ध मौजूदा निधि से राशि वितरित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।’’
तमिलनाडु में हुई बारिश से 54 लोगों की मौत हुई थी और 52 लोग घायल हो गए थे। मवेशियों, झोपड़ियों और घरों को नुकसान के अलावा, लगभग 49,230 हेक्टेयर में उगाई गई कृषि फसलों के साथ-साथ 526 हेक्टेयर बागवानी फसल को भी नुकसान पहुंचा। राज्य सरकार ने 2,629 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मांगी थी, जिसमें से 2,079 करोड़ रुपये स्थायी राहत और जीर्णोद्धार कार्य के लिए और 550 करोड़ रुपये अंतरिम काम के लिए है।
कामराज ने दावा किया कि डेल्टा जिलों में धान की लगभग एक लाख बोरियों का भंडार अभी राज्य सरकार द्वारा खरीदा जाना बाकी है। उन्होंने कहा, ‘‘इस खरीद सीजन के लिए धान बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किसानों के लिए संभव नहीं है। सरकार को एक आसान व्यवस्था के साथ आना चाहिए जिससे किसान अपनी उपज जल्दी से बेच सकें।’’
भाषा देवेंद्र उमा
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