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Monday, 23 September, 2024
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न्यायमूर्ति आयशा मलिक बनीं पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश

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(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 21 जनवरी (भाषा) लाहौर उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति आयशा मलिक पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश होंगी। पाकिस्तान जैसे रूढ़िवादी मुस्लिम देश के न्यायिक इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण क्षण है।

कानून मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने न्यायमूर्ति मलिक की पदोन्नति को मंजूरी दे दी है और उनके पद की शपथ लेते ही उनकी नियुक्ति प्रभावी हो जाएगी।

सर्वोच्च न्यायपालिका की नियुक्ति से संबंधित द्विदलीय संसदीय समिति द्वारा 55-वर्षीया न्यायाधीश की पदोन्नति को मंजूरी दिये जाने के दो दिन बाद यह ऐतिहासिक क्षण आया। पाकिस्तान के न्यायिक आयोग (जेसीपी) ने इस महीने की शुरुआत में उनके नाम की अनुशंसा की थी।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सांसद फारूक एच नाइक की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने उनके नामांकन को मंजूरी देते हुए वरिष्ठता के सिद्धांत को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति मलिक लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में चौथे स्थान पर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने राष्ट्रहित में न्यायमूर्ति आयशा के नाम को मंजूरी दी है।’’

न्यायमूर्ति मलिक को मार्च 2012 में लाहौर उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह अब जून 2031 में अपनी सेवानिवृत्ति तक सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम करेंगी। वह अपनी वरिष्ठता के आधार पर जनवरी 2030 में प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में होंगी।

भाषा

सुरेश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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