नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की मशाल को राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति की मशाल के साथ मिलाए जाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दुख जताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्रियों से लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तक के नेताओं ने उन पर पलटवार किया और कहा कि जिन्होंने राष्ट्रीय समर स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित नहीं की वह आज राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम और बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!’’
इस ट्वीट के कुछ ही घंटों बाद इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ के साथ विलय कर दिया गया।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए ट्वीट किया, ‘‘जिन्होंने…जवानों द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक का प्रमाण मांगा, शहीदों को समर्पित प्रथम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि नहीं दी, सुना है वह आज राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं‘‘।
उन्होंने कहा, ‘‘कोई कह दे उनसे, सच्चे राष्ट्रभक्त ‘भारत के टुकड़े’ का नारा लगाने वालों का समर्थन नहीं करते।’’
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर भ्रांति फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसा करने में कोई जवाब नहीं है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अमर जवान ज्योति की शाश्वत लौ को बुझाया नहीं जा रहा है राहुल जी। उसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जल रही ज्योति में विलय किया जा रहा है। वही राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जिसका कांग्रेस नेताओं ने विरोध किया था। राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने और सेना के शौर्य पर सवाल उठाने वाले आज देश प्रेम और बलिदान की बातें कर रहे हैं। देश के सैन्य मनोबल को कमजोर करते हुए राजनीति चमकाने की हड़बड़ी में कांग्रेस के युवराज से हमेशा गड़बड़ी हो ही जाती है।’’
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राहुल गांधी पर ‘‘अनावश्यक विवाद’’ पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें इतिहास की बुनियादी सच्चाई का ज्ञान नहीं है।
उन्होंने कहा कि इंडिया गेट पहले विश्व युद्ध में कुर्बानी देने वाले भारतीय सैनिकों का स्मारक है जबकि अमर जवान ज्योति 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भारत की विजय में शहीद होने वाले सैनिकों की याद में बनाया है क्योंकि उस वक्त कोई समर स्मारक नहीं था।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया, ‘‘अमर जवान ज्योति के संदर्भ में कई तरह की गलत सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं। सही बात यह है कि अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाया नहीं जा रहा है। इसे राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ के साथ मिलाया जा रहा है।’’
अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था।
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