अमर जवान ज्योति की लौ शिफ्ट करने से एक भद्दा विवाद खड़ा हो गया है. सच है, इंडिया गेट मेहराब उन सैनिकों को याद करता है जिन्होंने राष्ट्र की सेवा की है. अमर जवान ज्योति, हालांकि, 1971 के युद्ध के बाद स्थापित की गई थी. नए युद्ध स्मारक का स्वागत है; लेकिन पुरानी मशाल को बुझाना पुराने योद्धाओं के लिए बेवजह की पीड़ा है.