नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तराखंड के आसन्न विधानसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को 59 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी ऋतु सहित 10 विधायकों के टिकट काट दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक बार फिर खटीमा से जबकि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को हरिद्वार विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है।
केंद्रीय मंत्री एवं उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने भाजपा महासचिव अरुण सिंह और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में उम्मीदवारों की घोषणा की।
पार्टी ने धामी सरकार में शामिल सभी मंत्रियों पर भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से टिकट दिया है।
सतपाल महाराज को चौबट्टाखाल से, बंशीधर भगत को कालाढूंगी से, बिशन सिंह चुफाल को डीडीहाट, सुबोध उनियाल को नरेंद्र नगर, अरविंद पांडेय को गदरपुर, गणेश जोशी को मसूरी, धन सिंह रावत को श्रीनगर, रेखा आर्य को सोमेश्वर और यतीश्वरानंद को हरिद्वार ग्रामीण से उम्मीदवार बनाया गया है।
भाजपा ने जिन 10 विधायकों के टिकट काटे उनमें द्वाराहाट से महेश नेगी, कपकोट से बलवंत सिंह भौर्याल और यमकेश्वर से खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी के नाम प्रमुख हैं। द्वाराहाट से अनिल शाही और कपकोट से सुरेश गड़िया को उम्मीदवार बनाया गया है। यमकेश्वर से रेणु बिष्ट को पार्टी ने टिकट दिया है।
थरेली से विधायक मुन्नी देवी, कर्णप्रयाग से विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, पौड़ी से मुकेश सिंह कोली, गंगोलीहाट से मीना गंगोला, अल्मोड़ा से रघुनाथ सिंह चौहान और काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। चीमा की जगह पार्टी ने उनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को उम्मीदवार बनाया है।
पिछले ही साल भाजपा में शामिल हुए निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार और राम सिंह कैरा को क्रमश: धनोल्टी और भीमताल से उम्मीदवार बनाया गया है।
देहरादून कैंट सीट से आठ बार के विधायक दिवंगत हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर को उम्मीदवार बनाया गया है। गंगोत्री से पार्टी ने सुरेश चौहान पर दांव आजमाया है। यहां से विधायक गोपाल सिंह रावत का पिछले साल निधन हो गया था।
खानपुर से कुंवर प्रणव सिंह की जगह पार्टी ने उनकी पत्नी कुंवर रानी देवयानी को टिकट दिया है।
पार्टी ने मशहूर गायक जुबिन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल को चकराता से उतारा है। वह नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह को टक्कर देंगे।
कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई सरिता आर्य को नैनीताल से उम्मीदवार बनाया गया है। सरिता आर्य प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष रहने के साथ ही विधायक भी रह चुकी हैं। वह नैनीताल नगर पालिका की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
केंद्रीय मंत्री जोशी ने बताया कि पार्टी की पहली सूची में पांच महिलाओं, 22 राजपूत, 15 ब्राह्मण और तीन वैश्य समुदाय के उम्मीदवारों को टिकट दिया है। प्रदेश में राजपूतों की संख्या सर्वाधिक है।
सिंह ने बताया कि उम्मीदवारों में 31 स्नातक और 18 स्नातकोत्तर और चार धर्मगुरु शामिल हैं।
भाजपा ने जिन 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है, उनमें कोटद्वार और डोइवाला सीट भी शामिल है। हाल ही में भाजपा से निष्कासित किए गए हरक सिंह रावत कोटद्वार से विधायक हैं जबकि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्तमान विधानसभा में डोइवाला सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव ना लड़ने की इच्छा जताई थी।
केंद्र व भाजपा सरकारों द्वारा चार धाम यात्रा, संपर्क व अवसरंचना विकास से संबंधित विकास की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए जोशी ने कहा, ‘‘किया है, करते है और करते रहेंगे’’ के नारे को लेकर भाजपा चुनाव में उतरेगी।
उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड में जो भी विकास हुआ है, वह भाजपा सरकारों के कालखंड में ही हुआ। उन्होंने दावा किया कि भाजपा आगामी चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच सालों में उत्तराखंड में विकास हुआ है। देश की सुरक्षा में उत्तराखंड का बहुत बड़ा योगदान है। उत्तराखंड में चार धाम के अलावा सैन्य धाम की स्थापना की कल्पना भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने की है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में उत्तराखंड के साथ ‘‘सौतेला व्यवहार’’ किया गया।
उत्तराखंड की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक ही चरण में 14 फरवरी को मतदान होना है। चुनाव में राज्य की सत्तारूढ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच एक बार फिर कड़ी टक्कर होने की संभावना है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि पहली बार राज्य में चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) भी कुछ सीटों पर दोनों दलों के समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और पृथक राज्य आंदोलन का अगुआ रहा उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) भी अपना खोया प्रभाव दोबारा पाने के लिए प्रयासरत हैं।
वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड राज्य की जनता ने कभी भी किसी राजनीतिक दल को दोबारा सत्ता नहीं सौंपी है। भाजपा इस बार के चुनाव में इस मिथक को तोड़ने का दंभ भर रही है।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 57 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी जबकि कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली थी। दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।
भाजपा उम्मीदवारों की सूची इस प्रकार है्:-
पुरोला से दुर्गेश्वर लाल, यमुनोत्री से केदार सिंह रावत, गंगोत्री से सुरेश चौहान, बद्रीनाथ से महेंद्र भट्ट, थराली से भोपाल राम टमटा, कर्णप्रयाग से अनिल नौटियाल, रुद्रप्रयाग से भरत सिंह चौधरी, घनसाली से शक्ति लाल शाह, देवप्रयाग से विनोद कंडारी, नरेंद्रनगर से सुबोध उनियाल, प्रताप नगर से विजय सिंह पंवार उर्फ गुड्डू भाई, धनोल्टी से प्रीतम सिंह पंवार, चकराता से रामशरण नौटियाल, विकासनगर से मुन्ना सिंह चौहान, सहसपुर से सहदेव सिंह पुंडीर, धरमपुर से विनोद चमोली, रायपुर से उमेश शर्मा काऊ, राजपुर रोड से खजान दास, देहरादून कैंट से सविता कपूर, मसूरी से गणेश जोशी, ऋषिकेश से प्रेमचंद अग्रवाल, हरिद्वार से मदन कौशिक, बीएचईएल रानीपुर से आदेश चौहान, ज्वालापुर से सुरेश राठौर, भगवानपुर से मास्टर सत्यपाल, रूड़की से प्रदीप बत्रा, खानपुर से कुंवररानी देवयानी, मैंगलोर से दिनेश पवार, लक्सर से संजय गुप्ता, यमकेश्वर से रेणु बिष्ट, पौड़ी से राजकुमार पोरी, श्रीनगर से धन सिंह रावत, चौबट्टाखाल से सतपाल महाराज, लैंसडोन से दिलीप सिंह रावत, धारचूला से धन सिंह धामी, डीडीहाट से विशन सिंह चुफाल, पिथौरागढ़ से श्रीमती चंद्रा पंत, गंगोलीहाट से फकीर राम टमटा, कपकोट से सुरेश गड़िया, बागेश्वर से चंदन राम दास, द्वाराहाट से अनिल शाही, सल्ट से महेश जीना, सोमेश्वर से रेखा आर्य, अल्मोड़ा से कैलाश शर्मा, लोहाघाट से पूरन सिंह फर्त्याल, चंपावत से कैलाश गहतोड़ी, भीमताल से राम सिंह कैरा, नैनीताल से सरिता आर्य, कालाढूंगी से बंशीधर भगत, रामनगर से दीवान सिंह बिष्ट, जसपुर से शैलेंद्र मोहन सिंघल, काशीपुर से त्रिलोक सिंह चीमा, बाजपुर से राजेश कुमार, गदरपुर से अरविंद पांडे, किच्छा से राजेश शुक्ला, सितारगंज से सौरभ बहुगुणा, नानकमत्ता से प्रेम सिंह राणा और खटीमा से पुष्कर सिंह धामी।
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