नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) वेल्लोर में स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल सीट तमिलनाडु सरकार द्वारा तैयार अल्पसंख्यक योग्यता सूची के आधार पर भरी जाएंगी।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता अमित आनंद तिवारी की इन दलीलों को दमदार पाया कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीठ) नियम स्पष्ट रूप से बताते हैं कि एमबीबीएस और पीजी दोनों मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिला नीट योग्यता सूची से किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान अल्पसंख्यक संस्था की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए राज्य सरकार और संस्थान द्वारा तैयार दो सूचियों से 50-50 के अनुपात में सीट बंटवारे की बात करने वाले तमिलनाडु के संवाद के खिलाफ दलील दी। संस्था ने न केवल सीट बंटवारे की इस पद्धति को अस्वीकार किए जाने का अनुरोध किया, बल्कि छात्रों के चयन की उसकी स्वयं की पद्धति को स्वीकृत किए जाने का भी आग्रह किया।
तिवारी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि नीट नियमों के तहत यह प्रावधान है कि प्रवेश सरकारी प्राधिकारियों द्वारा तैयार की गई योग्यता सूची के अनुसार होना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने कॉलेज को राहत देने से इनकार कर दिया और निर्देश दिया कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए शत प्रतिशत पीजी सीट के लिए तमिलनाडु द्वारा तैयार अल्पसंख्यक योग्यता सूची के जरिए दाखिला किया जाए।
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