scorecardresearch
Friday, 20 September, 2024
होमदेशअर्थजगतश्रेई समूह के समाधान पेशेवर के तौर पर ईवाई अधिकारी की नियुक्ति हितों का टकरावः एफसीआरपी

श्रेई समूह के समाधान पेशेवर के तौर पर ईवाई अधिकारी की नियुक्ति हितों का टकरावः एफसीआरपी

Text Size:

मुंबई, 19 जनवरी (भाषा) समाधान प्रक्रिया के तहत कंपनियों के लिए मंच (एफसीआरपी) ने कर्ज समाधान प्रक्रिया से गुजर रहे श्रेई समूह के लिए समाधान पेशेवर के तौर पर सलाहकार फर्म ईवाई के एक शीर्ष अधिकारी की नियुक्ति पर चिंता जताते हुए कहा है कि यह हितों के टकराव से जुड़ा मामला है।

कारोबारियों के दिवालिया प्रक्रिया से जुड़े समूह एफसीआरपी ने संसद की वित्त समिति को लिखे अपने एक पत्र में कहा है कि ईवाई में वित्तीय सेवा के प्रमुख अबिजर दीवानजी को श्रेई समूह का समाधान पेशेवर नियुक्त करना सही नहीं है। उसने हितों के टकराव का मामला उठाते हुए कहा है कि कुछ महीने पहले तक ईवाई श्रेई समूह के साथ ही काम कर रही थी।

एफसीआरपी ने भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) के प्रमुख नवरंग सैनी और कंपनी मामलों के सचिव राजेश वर्मा को भी भेजे गए इस पत्र में कहा है कि ईवाई वित्तीय एवं पुनर्गठन सलाहकार के तौर पर श्रेई समूह के साथ काम कर रही थी। ऐसे में ईवाई के ही एक शीर्ष अधिकारी को समाधान पेशेवर नियुक्त करना उचित नहीं है।

श्रेई समूह पर कई बैंकों की करीब 30,000 करोड़ रुपये की देनदारी है। इसके चुकाने में नाकाम रहने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने श्रेई समूह को दिवाला संहिता के तहत कर्ज समाधान प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया।

दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहित (आईबीसी) के तहत राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) एक समाधान पेशेवर की नियुक्ति करता है जो संबंधित कंपनी के रोजमर्रा का संचालन करने के साथ ही बकाया रकम की वसूली के लिए जरूरी कदम उठाता है।

श्रेई समूह की कंपनियों के लिए समाधान पेशेवर के तौर पर ईवाई के प्रमुख अधिकारी अबिजर दीवानजी की नियुक्ति की गई है।

एफसीआरपी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है, ‘‘ऐसा पहले कभी नहीं सुना गया है। यह निस्संदेह हितों के टकराव का मामला बनता है। आरबीआई जैसी प्रतिष्ठित संस्था का भी इस बारे में कोई कदम न उठाना अचंभित करता है।’’

इस मुद्दे पर आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष उत्तम अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि श्रेई समाधान पेशेवर के तौर पर ईवाई अधिकारी की नियुक्ति स्पष्ट तौर पर हितों के टकराव का मामला है।

उन्होंने कहा कि ईवाई ने श्रेई समूह के साथ काम करते समय खुलासा न करने का एक समझौता भी किया था। अग्रवाल ने कहा कि ये अनुबंध अबिजर दीवानजी के मातहत ही संपन्न हुए थे।

भाषा प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments