नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) राज्यसभा की संसदीय समितियों की बैठकों में कोविड महामारी के दौरान सदस्यों की उपस्थिति में वृद्धि देखी गयी जबकि सांसदों के लिए विशेष भत्तों को रोक दिया गया था। राज्यसभा सचिवालय द्वारा कराये गये एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।
अधिकारियों ने कहा कि कुछ वर्गों में धारणा थी कि विभाग संबंधी संसदीय स्थायी समितियों की बैठकों में शामिल होने के लिए सांसदों को मिलने वाले विशेष भत्ते को रोकने का उनकी उपस्थिति पर असर पड़ सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के कहने पर सचिवालय द्वारा कराये गये विश्लेषण में पता चला कि कोविड-19 महामारी के बावजूद 2019-20 में बैठकों में उपस्थिति बढ़ गयी।
इससे पहले 2016-17 में सांसदों को विशेष भत्ता दिया गया था और समितियों की बैठकों में भाग लेने के लिए उन्हें हवाई यात्रा के खर्च का 25 प्रतिशत मिलता था। एक अप्रैल, 2018 से इसे बंद कर दिया गया था।
जब 2016-17 में (सितंबर के मध्य से सितंबर के मध्य तक) पूरे साल के लिए भत्ता दिया जाता था तो आठ स्थायी समितियों की 119 बैठकों में औसत उपस्थिति 47.64 प्रतिशत रही और 2019-20 में 119 बैठकों के लिए यह उपस्थिति बढ़कर 48.79 प्रतिशत हो गयी जबकि यह भत्ता नहीं मिल रहा था।
अधिकारियों ने कहा कि 2017-18 के दौरान छह महीने तक सांसदों को विशेष भत्ता मिल रहा था। उनके अनुसार 2018-19 के दौरान राज्यसभा की सभी आठ समितियों की बैठकों में उपस्थिति कम रही और ऐसा संभवत: 2019 के पूर्वार्द्ध में लोकसभा चुनाव के कारण हुआ।
उन्होंने कहा कि इसी के आधार पर 2019-20 और 2020-21 के दौरान सांसदों की उपस्थिति पर भत्ता मिलने के असर का आकलन करने के लिए 2016-17 को संदर्भ वर्ष बनाया गया।
सितंबर के मध्य में उन संसदीय समितियों का पुनर्गठन किया जाता है जिनका कार्यकाल एक साल का होता है।
भाषा
वैभव माधव
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