नई दिल्ली: बैंक धोखाधड़ी में आरोपी और भगोड़ा घोषित किए जा चुके हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने दावा किया है कि न तो उनकी कंपनी ने कुछ गलत किया है और न ही उनके सहयोगियों ने, और उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप ‘झूठे’ और ‘मनगढ़ंत’ हैं. चोकसी ने साथ ही यह आरोप भी लगाया है कि उन्हें ‘राजनीतिक फुटबॉल बना दिया गया.’
चोकसी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को दिसंबर के शुरू में जूम पर दिए एक विशेष इंटरव्यू में कहा, ‘जबसे मैंने भारत छोड़ा है, मेरा स्वास्थ्य काफी खराब है और मुझे बिल्कुल भी यात्रा न करने की सलाह दी गई है. मैंने हमेशा कहा है कि अपना नाम क्लियर कराना चाहता हूं क्योंकि अब तक भारत में व्यक्तिगत स्तर पर एक प्रतिष्ठित व्यक्ति रहा हूं.’
भारतीय मूल के हीरा कारोबारी और रिटेल ज्वैलरी कंपनी ‘गीतांजलि जेम्स’ के मालिक मेहुल चोकसी पर अपने भांजे नीरव मोदी और पीएनबी के कर्मचारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. मार्च 2018 में पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) कोर्ट की तरफ से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. उनके खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आरोप हैं.
चोकसी, जो एंटीगुआ और बारबुडा के नागरिक हैं, उसी साल घोटाले की खबर सार्वजनिक तौर पर सामने आने से पहले ही जनवरी में कैरिबियाई द्वीप भाग गए थे.
मई 2021 में चोकसी को नजदीकी देश डोमिनिका के अधिकारियों ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब उन्हें ‘लापता’ बताया जा रहा था और एंटीगुआ और बारबुडा की तरफ से एक इंटरपोल येलो नोटिस जारी किया गया था. अभी, डोमिनिका की एक कोर्ट ने देश से उनके प्रत्यर्पण पर रोक लगा रखी है.
अब बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए इंटरव्यू में चोकसी ने आरोप लगाया है कि वह एक ‘संयुक्त अभियान’ के तहत अपहरण के शिकार बने थे जिसमें दो कैरेबियाई देश, ‘भारतीय एजेंसियां’ और ‘भाड़े पर काम करने वाली एक ब्रिटिश टीम’ शामिल थी.
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‘मानव तस्कर मुझे तलाश रहे’
चोकसी ने दावा किया, ‘इस सब में मानव तस्कर शामिल थे. ये नौका के मालिक थे. इसमें पांच या छह ब्रिटिश लोग थे. वे मेरा पीछा कर रहे हैं, और इस द्वीप पर लगभग आठ महीने से मुझे ट्रैक कर रहे थे. पिछले अगस्त से ही वे मेरी सभी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे. इसके लिए वे समूह में मेरे घर के ठीक सामने रहने लगे थे.’
कारोबारी ने उन्हें ‘आर्थिक अपराध मामले में भगोड़ा’ घोषित करने के प्रवर्तन निदेशालय के फैसले को ‘गलत’ बताया.
चोकसी ने कहा, ‘मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन जो कुछ हुआ बहुत गलत तरीके से किया गया. मुझे एक राजनीतिक फुटबॉल बना दिया गया है. एक बड़े कारोबारी के तौर पर मैं बहुत सारे राजनेताओं को जानता था…और चीजें बहुत ही तेजी से बदल रही थीं. एफआईआर में आरोप लगते ही ये सब शुरू हो गया. सारे आरोप पूरी तरह मनगढ़ंत और गलत थे.’
पीएनबी फ्रॉड केस के बारे में और पूछे जाने पर चोकसी ने पीएनबी के साथ अपनी कंपनी के लेन-देन की व्यवस्था पर ब्यौरा दिया, जिसमें उनके मुताबिक बैंक ने अपने हेड ऑफिस को ‘सही जानकारी नहीं दी थी.’
उन्होंने दावा किया, ‘मैं बैंकरों के एक संघ की तरफ से स्वीकृत 7,000 करोड़ की लिमिट का इस्तेमाल कर रहा था. इसके ऊपर जरूरत पड़ने पर लेन-देन के लिए एलसी/एलओयू (लेटर ऑफ क्रेडिट/लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) के रूप में सुविधा मिली हुई थी. सभी ज्वैलर्स बैंक एलसी या एलओयू जैसे साधन का इस्तेमाल करते हैं. मैं 1990 से ही ऐसा करता रहा हूं.’
गीतांजलि बंद होने से ‘भारत को नुकसान’
हीरा कारोबारी का कहना है कि उन्हें और उनकी कंपनी को नीरव मोदी से जोड़ने के लिए जो तरीका अपनाया गया, वो पूरी तरह गलत था और साथ ही आरोप लगाया कि इस पूरे मामले का राजनीतिकरण किया गया था.
जनवरी 2018 की एफआईआर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैंने पीएनबी को भी फोन किया और उन्हें कहा कि आपने इस (मामले) में मेरा नाम क्यों रखा है. मैं इसमें पार्टनर नहीं हूं और 2000 में ही मैंने उनकी कंपनी छोड़ दी थी…इसके बावजूद मेरी कंपनियों पर कई छापे मारे गए. उन्होंने नीरव मोदी की पहली एफआईआर को लेकर मेरा सर्वर और मेरी कंपनी की तमाम इन्वेंट्री भी जब्त कर ली.’
चोकसी ने इस बात पर जोर दिया कि वह भारत लौटना चाहते हैं, लेकिन तभी जब उसके स्वास्थ्य में सुधार हो.
उन्होंने कहा, ‘मेरी तबीयत खराब हो गई है. ठीक से देख नहीं पाता हूं. पीठ में भी दर्द रहता है. यह सारी बीमारियां मेरे लिए आम हो चुकी हैं. मेरे दिमाग में भी कुछ समस्या है. उन्हें यहां कुछ हेमेटोमा मिला है. इसलिए मुझे इसके इलाज के लिए एंटीगुआ भेजा गया है.’
आखिर में चोकसी ने गीतांजलि बंद होने को भारत के लिए ही ‘नुकसानदेह’ बताते हुए अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, ‘उन्हें बैंकों की पड़ताल करनी चाहिए और देखना चाहिए कि देश में ऐसे कितने मामले हुए हैं और बैंकों में किस तरह की लापरवाही चल रही है.’
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