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Monday, 4 November, 2024
होमडिफेंसCDS हादसे के बाद घटा हुआ पेलोड और क्रम से उड़ान हो सकते हैं VVIP चॉपर प्रोटोकॉल्स के संभावित बदलाव

CDS हादसे के बाद घटा हुआ पेलोड और क्रम से उड़ान हो सकते हैं VVIP चॉपर प्रोटोकॉल्स के संभावित बदलाव

प्रोटोकोल्स को ट्राई-सर्विस टीम की सिफारिशों के आधार पर अपडेट किया जाएगा, जिसने कुनूर हेलिकॉप्टर हादसे की जांच जांच की थी, जिसमें CDS जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य की मौत हुई थी.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि घटा हुआ पेलोड, क्रमबद्ध उड़ान और कुछ इलाक़ों में उड़ान के लिए दृश्यता मानदंडों में बढ़ोत्तरी, कुछ ऐसे बदलाव हैं जो वीवीआईपी उड़ानों से जुड़े प्रोटोकोल्स में किए जा सकते हैं.

प्रोटोकोल्स को ट्राई-सर्विस टीम की सिफारिशों के आधार पर अपडेट किया जाएगा, जिसने पिछले महीने के दुखद हेलिकॉप्टर हादसे की जांच की थी, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई थी जिनमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधूलिका रावत और अन्य सेवा कर्मी शामिल थे.

सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि जांच रिपोर्ट में कुछ सिफारिशें की गई हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटना की संभावना कम की जा सके.

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ट्रेनिंग कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के साथ, जिन्होंने तमिलनाडु के जंगलों में कुनूर के पास हुए हादसे की ट्राई-सर्विस जांच की अगुवाई की, बुधवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को जांच के बारे में ब्रीफ किया.

जैसा कि दिप्रिंट ने ख़बर दी थी, अचानक बादल आ जाने को, जिसके नतीजे में कंट्रोल्ड फ्लाइट इंटु टिरेन (सीएफआईटी) की स्थिति पैदा हो गई, हेलिकॉप्टर हादसे का कारण माना गया है.

हैदराबाद के निकट डूंडीगल में वायुसेना अकादमी की ग्रेजुएशन परेड से इतर बोलते हुए एसीएम चौधरी ने पिछले महीने कहा था, ‘उड़ान भरने के वीवीआईपी प्रोटोकोल्स की समीक्षा की जाएगी. ये समीक्षा हादसे की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के निष्कर्षों के आधार पर की जाएगी’.


यह भी पढ़ें: अचानक बादल आने से गिरा था CDS का चॉपर, रिपोर्ट में ख़ुलासा, तकनीकी ख़ामी या तोड़फोड़ से इनकार


प्रोटोकॉल में क्या बदलाव होंगे

सूत्रों ने बताया कि प्रोटोकॉल्स में किया जाना वाला एक बदलाव ये हो सकता है कि उसमें ले जाए जाने वाले पेलोड में कमी की जाएगी.

अभागा चॉपर 14 कर्मियों को लेकर जा रहा था, जिनमें दो पायलट शामिल थे. इसका मतलब है कि हेलिकॉप्टर यात्रियों की बड़ी संख्या और ईंधन की भारी मात्रा लेकर उड़ रहा था.

गिरने के बाद ईंधन का टैंक फट गया और अधिकतर मौतें जलने की वजह से हुईं. उसमें सवार ज़्यादातर यात्रियों की पहचान करने में कई दिन लग गए.

एक और बदलाव ये हो सकता है कि कुछ इलाक़ों में वीवीआईपी उड़ानें भरने के लिए, मौसम की दृश्य स्थिति के मानदंड को बढ़ाया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि इस बात पर बल दिया जाएगा कि संदिग्ध मौसम में कोई उड़ान न हो, या फिर कम से कम हो और यात्रा के दूसरे विकल्प तैयार रखे जाएं, जैसा कि अभी भी होता है.

सूत्रों ने आगे कहा कि इस दिशा में भी प्रयास किया जाएगा कि किसी सड़क या ऐसे इलाक़े के क़रीब चला जाए, जहां ज़रूरत पड़ने पर इमरजेंसी लैंडिंग की जा सके, भले ही रूट थोड़ा लंबा हो जाए.

सूत्रों ने समझाया कि वर्तमान में एक इंजन वाले हेलिकॉप्टर इस विशेष प्रोटोकोल का पालन करते हैं, लेकिन दो-इंजन वाले ऐसा नहीं करते.

एक और फोकस ये सुनिश्चित करने पर होगा कि वीवीआईपी यात्रा में एक और हेलिकॉप्टर क्रमबद्ध उड़ान भरे, जिससे किसी अनहोनी की सूरत में, बचाव कार्य तुरंत शुरू किए जा सकें.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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