नई दिल्ली: ऑक्सफैम इंडिया ने कहा है कि विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत दिए जाने वाले लाइसेंस का नवीनीकरण करने से इनकार के सरकारी फैसले से देश के 16 राज्यों में संगठन के चल रहे अहम मानवीय और सामाजिक कार्य बुरी तरह से प्रभावित होंगे.
ऑक्सफैम इंडिया ने एक बयान में कहा कि इनमें ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करना, जीवन रक्षक दवाएं और उपकरणों की आपूर्ति करना जैसे ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर, कोविड-19 से सबसे अधिक असुरक्षित समदायों को भोजन मुहैया कराने जैसे कार्य शामिल हैं जो प्रभावित होंगे.
The Government of India’s decision to refuse renewal of Oxfam India’s Foreign Contribution Regulation Act #FCRA registration will severely affect the ongoing humanitarian & social work in 16 states across the country. ?(1/7)https://t.co/Rt0hmwLcIc
— Oxfam India (@OxfamIndia) January 2, 2022
ऑक्सफैम इंडिया की पूर्व सीईओ निशा अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि ऑक्सफैम इंडिया जैसे पुराने और स्थापित एनजीओ के खिलाफ इस तरह का कदम भयानक है. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि सरकार इस पर फिर से विचार करेगी.
Such a terrible move against an old and established NGO like Oxfam India (and many other NGOs) that has been doing excellent development and humanitarian work in India for decades. I hope the Government will reconsider this action. https://t.co/p48SXxV00p
— Nisha Agrawal (@nishaagrawal007) January 2, 2022
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालाय द्वारा जारी उन संगठनों की सूची में ऑक्सफैम इंडिया भी शामिल है जिनका एफसीआरए पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं किया गया है.
बता दें कि एक जनवरी 2022 से ऑक्सफैम इंडिया के लाइसेंस की मान्यता खत्म हो गई है. मोदी सरकार ने मदर टेरेसा की संस्था द मिशनरीज ऑफ चैरिटी समेत कई एनजीओ के विदेशी फंडिंग के लाइसेंस रद्द किए हैं.
भारत में सभी एनजीओ को विदेशी फंडिंग के लिए एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराना होता है.
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