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Friday, 22 November, 2024
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ओला और ऊबर के ड्राइवरों के लिए, यह उल्टी में लिथड़ी नववर्ष की पूर्व संध्या होगी

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नववर्ष की पूर्व-संध्या या क्रिसमस पर उनका काम केवल ड्राइविंग नहीं होता, इसमें अभद्र यात्रियों को झेलना और उल्टी साफ करना भी शामिल है.

नयी दिल्लीः नववर्ष की पूर्व संध्या अधिकांश के लिए पार्टी और मस्ती की रात है, लेकिन हरेक के लिए नहीं. कई पेशेवर समूह ऐसे भी हैं, जिनको और अधिक ज़िम्मेदार, अधिक सतर्क होना पड़ता है लेकिन जिसकी तुलना में उनकी बड़ाई कभी नहीं होती.

ओला और ऊबर के ड्राइवरों के लिए नववर्ष की पूर्व-संध्या या क्रिसमस पर उनका काम केवल ड्राइविंग नहीं होता, इसमें अभद्र यात्रियों को झेलना, लगातार कई घंटे काम करना और उल्टी साफ करना भी शामिल है.

दिप्रिंट ने दिल्ली में एपधारक कुछ ड्राइवरों से बात की ताकि पता चल सके कि नववर्ष की पूर्व संध्या पर वे किस बात से बहुत डरते हैं?

लोकेशन

हालांकि, ऊबर और ओला पर्व-त्योहार के समय पार्टी की जगहों के पास रहने को कहते हैं, पर कुछ ड्राइवर इनसे बच के ही रहते हैं. हौजखास गांव और गुरुग्राम का सेक्टर 29 इस तरह की मनाही वाली सूची में हैं, क्योंकि यहां बार, रेस्टोरेंट की संख्या बहुत है और युवाओं में इसकी लोकप्रियता काफी है.

एक ऊबर ड्राइवर इंद्रजीत कहते हैं, ‘मैं दिल्ली के हौजखास इलाके से अमूमन सवारियां नहीं उठाता, क्योंकि एक बार एक महिला ने बहुत अधिक शराब पीकर उल्टी कर दी थी. इसीलिए, मैं इन जगहों पर सवारी को ड्रॉप तो कर सकता हूं, लेता नहीं हूं’.

दूसरे ऊबर ड्राइवर रविंदर के पास भी ऐसी ही एक कहानी साझा करने को है. ‘एक बार मैंने एक महिला को बिठा लिया जो हौजखास से फरीदाबाद जा रही थी. उसने ज़बर्दस्ती सिगरेट पीने को लेकर बवाल किया, जबकि मैंने उसे बताया कि वह कार सीएनजी की थी. हालांकि, मैं जानता हूं कि इन इलाकों में सवारी मिल जाएगी, फिर भी मैं इन इलाकों की अनदेखी करता हूं. वह भी केवल नववर्ष की संध्या पर नहीं, बल्कि सप्ताहांत पर भी’.

शिवकुमार 1992 से दिल्ली में ऑटोरिक्शा चला रहे हैं. वह कहते हैं, ‘मैं किसी भी जगह की अनदेखी नहीं करता. लेकिन अगर शराबी सवारी मिलती है तो कैंसिल कर देंता हूॅं’.

उल्टी और अभद्र सवारियां

दिप्रिंट ने जितनी भी ओला या ऊबर के ड्राइवर से बात की, उनके पास पियक्कड़ और अभद्र सवारियों के किस्से थे, लेकिन अगर वे सचमुच किसी बात से डरते थे तो उनसे जो उनकी कार में उल्टी करते थे और गंध मचाते थे.

रविंदर कहते हैं कि वे अपनी कार में बच्चों और शराबी वयस्कों के लिए प्लास्टिक बैग रखतें हैं. यह सचमुच हरेक बार संभव नहीं होता कि हम गाड़ी किनारे लगाए, फिर सवारी को उल्टी करवाएं और उसके बाद कार की सफाई करें. अब मैं डिस्पोजेबल बैग ही रखता हूं.

हरमेंद्र सिंह, जिनके साथ केवल एक बार एक सवारी ने उल्टी की थी और उन्होंने उससे साफ करवाया था, लेकिन पानी और कपड़ा उन्होंने ही दिया था.

इसके अलावा, टैक्सी ड्राइवर को पियक्कड़ भी मिलते हैं, जो अभद्र व्यवहार करते हैं.

ड्राइवर दिनेश गोस्वामी बताते हैं, ‘हमें कई बार पियक्कड़ यात्री मिलते हैं. कई बार वे हमसे गुलामों की तरह का व्यवहार करते हैं. वे यह नहीं सोचते कि वे सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे सोचते हैं कि हम उनके गुलाम हैं. वे खाएंगे, पिएंगे, पूरी कार में गंध फैलाएंगे औऱ साफ नहीं करेंगे, जिसके कारण उसके बाद वाला ग्राहक हमारी रेटिंग कम कर देता है’.

ऊबर के साथ लगे ड्राइवर मोहन सिंह बताते हैं, ‘पिछली बार एक लड़के ने गाड़ी में पीना जारी रखा. उसने तब तक पैसे देने से इंकार कर दिया, जबतक उसने बोतल खत्म नहीं कर ली. मुझे एक घंटे इंतजार करना पड़ा’.

महिला सवारी

दिल्ली-एनसीआर में अधिकांश ओला औऱ ऊबर के ड्राइवर पुरुष हैं. उनमें से कई कहते हैं कि इन पियक्कड़ महिलाओं को पहुंचाना ही जोखिम उठाना है.

दिल्ली में मीडिया की पढ़ाई कर रही आरुषि गुप्ता कहती हैं, ‘मेरे दोस्तों के साथ दुर्घटना अक्सर ही पीकर चलाने की वजह से हुई, इसलिए हम सभी अक्सर कैब ही लेते हैं’.

जब हमने पूछा कि क्या नशा करने के बाद किसी पार्टी से लौटने में क्या अधिक सावधानी बरतनी होती है, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘हां, वो तो हमेशा ही रहता है. यहां तक कि कई बार आधी रात को जो कैब ड्राइवर मिलते हैं, कई तो खुद भी शराब पिए होते हैं’.

रविंदर बताते हैं, ‘मैंने एक बार एक महिला को फरीदाबाद से बिठाया, जो टुन्न थीं. उसकी दोस्त को मुझे फोन पर बताना पड़ा कि उसके हॉस्टल कैसे पहुंचना है’. एक बार वहां पहुंचने के बाद मैंने उनके वार्डन को बुलाकर कार से उनको उठाने के लिए बोला, हालांकि उसकी दोस्त मुझे ही उसके हॉस्टल पहुंचा देने को कह रही थी.

“मैं अभद्र पियक्कड़ पुरुषों को तो सड़क पर उतार देता हूं, महिलाओं के साथ ऐसा नहीं कर सकता.”

कौन सुन रहा है?

दिप्रिंट को अधिकांश कैब चलानेवालों ने कहा कि ग्राहकों के पास जहां तुरंत ही शिकायत के कई तरीके हैं, यह ड्राइवरों के लिए उतना आसान नहीं है. पियक्कड़, अभद्र सवारियों के बारे में की गयी उनकी शिकायतों पर या तो ठीक से सुनवाई नहीं होती या वे सुनी ही नहीं जाती.

ड्राइवर दिनेश गोस्वामी बताते हैं, ‘वे ग्राहकों की शिकायत को तरजीह देते हैं और ग्राहकों की शिकायत हमारी रेटिंग को प्रभावित करती हैं, जो हमारे लिए घाटे का सौदा है’.

ऊबर की प्रवक्ता शोनाली चक्रवर्ती ने दिप्रिंट को बताया कि कंपनी त्योहारों के मौसम या छुट्टियों के दिन ड्राइवरों को टिप्स देती है. उन्होंने बताया, “नववर्ष की पूर्व संध्या ऐसा समय हो सकता है, जब कई सवारियां नशे की हालत में होंगी. ट्रिप संबंधी किसी झगड़े या शिकायत के लिए कृपया या तो एप के जरिए या 24X7 ड्राइवर-पार्टनर हेल्पलाइन की सहायता लेकर ऊबर सपोर्ट तक पहुंचिए”.

तो, नवर्ष की पूर्व संध्या कुछ के लिए भले पार्टी और मौज का समय हो, कैब ड्राइवरों के लिए यह अतिरिक्त जिम्मेदारी का बोझ उठाने की रात है, ताकि अपनी सवारियों को सुरक्षित पहुंचा सकें, भले ही उनकी अपनी नौकरी पर भी खतरा संभावित हो.

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