नई दिल्ली: पूरी दुनिया में खलबली मचा चुके ओमीक्रॉन वैरिएंट को लेकर एक स्टडी ने दावा किया है कि यह कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से कम खतरनाक है.
ब्रिटेन में कोविड-19 के आंकड़ों पर आधारित दो अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप डेल्टा स्वरूप की तुलना में कम खतरनाक है और इसमें कम संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती कराए जाने की जरूरत पड़ती है.
इम्पीरियल कॉलेज लंदन द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि पीसीआर की जांच में जिन लोगों में ओमीक्रोन से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है उन्हें डेल्टा स्वरूप की तुलना में अस्पताल में एक रात या इससे अधिक समय गुजारने की संभावना 40 से 45 फीसदी तक कम होती है.
अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों को पहले संक्रमण हुआ था और अब वे ओमीक्रोन से पीड़ित हैं तो उन लोगों की तुलना में उन्हें 50 से 60 फीसदी तक अस्पताल में भर्ती कराने की कम संभावना है जिन्हें पहले संक्रमण नहीं हुआ था. वहीं जिन लोगों ने टीकाकरण नहीं कराया है उनके अस्पताल में भर्ती होने का खतरा ज्यादा है.
इम्पीरियल कॉलेज के प्रोफेसर नील फर्गुसन ने कहा, ‘हमारा विश्लेषण दिखाता है कि डेल्टा स्वरूप की तुलना में ओमीक्रोन स्वरूप में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम कम है.’
वैज्ञानिक ने कहा कि ओमीक्रोन की ‘उच्च संचरण’ क्षमता के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ सकता है. ब्रिटेन में बुधवार को कोविड-19 संक्रमण के मामले एक दिन में एक लाख दर्ज किए गए.
इम्पीरियल कॉलेज के अध्ययन में ओमीक्रोन के 56 हजार मामले और डेल्टा के 2,69,000 माामले शामिल किए गए. इस अध्ययन की अभी तक विशेषज्ञों ने समीक्षा नहीं की है.
यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग और स्कॉटलैंड के अन्य विशेषज्ञों के शोध में भी पाया गया कि डेल्टा की तुलना में ओमीक्रोन के मामलों में अस्पताल में भर्ती कराए जाने का जोखिम दो-तिहाई कम है. हालांकि, यह अध्ययन अस्पताल में भर्ती 15 लोगों के छोटे नमूने पर आधारित है.
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