नई दिल्ली: वैश्विक कोविड महामारी की पहली और दूसरी लहर से मिले अनुभवों के आधार पर कोरोनावायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन ’ से निपटने की प्रतिबद्धता जताते हुए सरकार ने सोमवार को कहा कि इसके लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है.
राज्यसभा में ‘कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रॉन की वजह से उत्पन्न हालात’ पर हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब दे रहे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा ‘देश में ओमीक्रॉन के 161 मामले अब तक सामने आए हैं जिनमें से 13 फीसदी मामलों में लक्षण अत्यंत मामूली हैं . 80 फीसदी मामलों में कोई लक्षण सामने नहीं आए. 44 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. ’
उन्होंने बताया कि 96 देशों में ओमीक्रॉन फैल चुका है और इसके प्रभावों पर सतत नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार वायरस के इस स्वरूप को लेकर पूरी तरह सतर्क है तथा आने वाले समय में इसे लेकर जरूरत के अनुसार परामर्श जारी किए जाएंगे जिनके आधार पर ही अवलोकन किया जाना चाहिए ताकि लोगों में किसी तरह का भ्रम न फैले.
मांडविया ने कहा ‘कोविड महामारी की पहली और दूसरी लहर में मिले अनुभवों को भी ध्यान में रखते हुए कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी.’
उन्होंने कहा ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है और वैज्ञानिक समुदाय भी इस बात से सहमत है कि कोरोनवायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप के लिए भी दवाएं और प्रोटोकॉल वही होंगे जो इस घातक वायरस के डेल्टा, गामा सहित अन्य स्वरूपों के लिए रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि अब तक ओमीक्रॉन के जो 161 मामले सामने आए हैं, वे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात आदि अलग-अलग राज्यों के हैं. उन्होंने कहा कि ओमीक्रॉन के मामलों का जल्दी पता लगाने के लिए और ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ के लिए 38 प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं.
मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार टीकाकरण है और हमारे देश की 88 फीसदी आबादी को कोविड रोधी टीके की पहली खुराक तथा 58 फीसदी आबादी को दूसरी खुराक लग चुकी है.
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