नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला मे तीसरे दिन शनिवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि सरकार का रिमोट कंट्रोल संघ के पास नहीं है. इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख ने कहा कि 40,000 हजार सालों से देश के सभी लोगों का डीएनए एक है.
धर्मशाला कॉलेज के सभागार में आयोजित पूर्व सैनिक प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 96 वर्ष से आरएसएस का हमेशा विरोध हुआ लेकिन हम समाज की सेवा में लगे हुए है. संघ को थोड़ी राहत तब मिली – जब स्वयंसेवक सत्ता में आए (आरएसएस) आई.
सभी भारतीयों का डीएनए एक
भागवत ने हिंदुत्व पर बोलते हुए कहा कि कुछ शब्द हमारे जीवन मे रह जाते हैं, उन्हें निकला नहीं जा सकता. हिंदोस्तान से हिंदू शब्द बना है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से हिंदुत्व शब्द चिपक गया है. हिंदुत्व किसी को जीतने की बात नहीं करता है. हिंदुत्व शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले गुरु नानक देव जी ने किया था. हिंदुत्व जोड़ने की बात करता है, किसी को बांटता नहीं.
पिछले 40 हजार सालों से सभी भारतीयों का डीएनए एक है. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कई बलिदान दिए हैं. त्याग किया है. इसलिए हमारी संस्कृति आज भी जीवित है. हमारा देश फल-फूल रहा है. हम अपने पूर्वजों की तरह काम करना हैं. लिहाजा, हमारी निष्ठा भी उनके प्रति है. धर्म का अर्थ धारणा है जो समाज को एक बनता है.
इसका अर्थ हिंदू और मुस्लिम नहीं होता है. भागवत ने कहा कि हम गुलाम इसलिए हुए क्योंकि हम हमेशा बंटे रहे.
#WATCH | For over 40,000 years DNA of all people in India has been the same…I am not faffing," said RSS chief Mohan Bhagwat at an event in Dharamshala, Himachal Pradesh (18.12) pic.twitter.com/cAtY12oe5i
— ANI (@ANI) December 19, 2021
दुनिया भारत की ओर देख रही है
चिकित्सा में प्राचीन भारतीय पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया. अब दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है. हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है.’
उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद के युग में यह विश्व गुरु बनने की क्षमता रखता है.
सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि
मोहन भागवत ने कार्यक्रम में हेलिकाप्टर क्रैश हादसे में मारे गए देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 14 अन्य सैन्य को अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी. एक मिनट का भी मौन रखा गया.
मोहन भागवत ने समाज सुधारक डॉ.बी आर आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, ‘हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं.’
सूत्रों ने कहा कि भागवत हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर हैं और वह तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात कर सकते हैं.
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