बालासोर: भारत ने बुधवार को ओडिशा के तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का आकाश से मार करने वाले संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने यह जानकारी दी.
इस अभियान को ब्रह्मोस के विकास में ‘मील का एक प्रमुख पत्थर’ बताते हुए सूत्रों ने कहा कि मिसाइल के आकाश से मार करने वाले संस्करण का सुबह साढ़े 10 बजे सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमके-आई से परीक्षण किया गया.
#WATCH | India today successfully carried out a long-range Supersonic Missile Assisted Torpedo (SMART) off coast of Balasore in Odisha.
"The system has been designed to enhance Anti-sub marine warfare capability far beyond the conventional range of the torpedo," DRDO says pic.twitter.com/ZhD34UwuFW
— ANI (@ANI) December 13, 2021
सूत्रों ने कहा कि इस दौरान पूर्व-नियोजित प्रक्षेप पथ का पालन किया गया और सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि इस प्रक्षेपण से आकाश से मार करने वाले संस्करण वाली ब्रह्मोस मिसाइलों के बड़े पैमाने पर उत्पादन का रास्ता साफ कर दिया है.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने परीक्षण में शामिल सभी टीम को बधाई देते हुए कहा कि प्रमुख एजेंसी में विभिन्न प्रयोगशालाओं, शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने इस जटिल मिसाइल प्रणाली के परीक्षण, उत्पादन और निर्माण में भाग लिया.
सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिशन की सफलता पर डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और अन्य हितधारकों की प्रशंसा की है.
इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास, उत्पादन और विपणन के लिए ब्रह्मोस भारत (डीआरडीओ) और रूस (एनपीओएम) के बीच एक संयुक्त उपक्रम है. आक्रामक मिसाइल हथियार प्रणाली को सशस्त्र बलों में शामिल किया गया है.
यह भी पढ़े: कोविड की दूसरी लहर के बाद विदेश में नौकरी की तलाश करने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ी : इंडीड