नई दिल्ली: संसद भवन पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की 20वीं बरसी पर सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद से लड़ने तथा देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने का संकल्प दोहराया.
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘आज हम 13 दिसंबर 2001 की उस घटना का स्मरण कर रहे हैं जब आतंकवादियों ने एक दुस्साहसिक हमले में हमारी इस सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था भारतीय संसद को निशाना बनाया था.’
उन्होंने कहा कि इस कायरतापूर्ण हमले को संसद परिसर की सुरक्षा में तैनात हमारे सतर्क सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया था.
बिरला ने कहा कि इस हमले का बहादुरी से मुकाबला करते हुए एक महिला सुरक्षा कर्मी सहित संसद सुरक्षा सेवा, दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के आठ जवान शहीद हो गए थे. इस आतंकवादी हमले में एक कर्मचारी भी शहीद हुए थे.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह सभा आतंकवादी हमले के दौरान संसद की सुरक्षा करते हुए हमारे वीर सुरक्षा कर्मियों द्वारा दिये गए सर्वोच्च बलिदान के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती है तथा उनके परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना एवं एकजुटता व्यक्त करती है.
उन्होंने कहा, ‘इस अवसर पर हम आतंकवाद से लड़ने तथा अपने देश की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता की रक्षा करने के अपने संकल्प को एक बार फिर दोहराते हैं.’
सदन में सदस्यों ने कुछ पल मौन रहकर संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
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राज्य सभा में दी गई श्रद्धांजलि
उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने बीस साल पहले हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई ने आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस सर्वोच्च मंदिर की गरिमा को पवित्र और अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वालों को वह अपनी और पूरे सदन की ओर से श्रद्धांजलि देते हैं.
इसके बाद सदस्यों ने, आतंकी हमले में जान गंवाने वालों के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा.
गौरतलब है कि बीस साल पहले, 13 दिसंबर को लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने संसद भवन परिसर पर हमला कर अंधाधुंध गोलीबारी की थी जिसमें नौ लोग मारे गए थे.
सुरक्षा बलों की कार्रवाई में पांचों आतंकवादी मारे गए थे.
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