दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के विशेष रुप से प्रदर्शित कार्टून में मंजुल ने कॉमेडियन मुनव्वर फरुकी के मामले में कटाक्ष किया है, जिन्होंने इस तरफ इशारा किया कि 26 नवंबर को भारत के संविधान दिवस समारोह के दौरान किए गए शो के विरोध के चलते उनके 12 शो को कैंसिल कर दिया गया.
आलोक निरंतर ने मोदी सरकार के तीन ‘काले’ कृषि कानूनों को निरस्त करने के फैसले की तुलना ट्रोलिंग और गालियों के खिलाफ की है, जिसका किसानों ने पिछले एक साल के विरोध प्रदर्शनों में सामना किया है.
संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने के साथ ही पीएम मोदी की दुविधा के बारे में बता रहे हैं साजिथ कुमार.
सतीश आचार्य इलेक्टोरल बॉन्ड और क्रिप्टोकरेंसी के बीच की तुलना कर रहे हैं.
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की टिप्पणी पर व्यंग्य कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि जजों को कोर्ट रूम के अंदर विवेक का प्रयोग करना चाहिए, न्यायाधीशों को अदालतों के अंदर ‘अत्यधिक विवेक का प्रयोग’ करने का आह्वान किया, और भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की वो टिप्पणी जिसमें उन्होंने कहा था कि विधायिका अपने द्वारा बनाए गए कानून का आकलन नहीं करती.
छुट्टियों के मौसम के आने के साथ ही, ई.पी. उन्नी एक नए SARS-CoV2 वैरिएंट ओमीक्रॉन’ के आने पर कटाक्ष कर रहे हैं.
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