कोलकाता: त्रिपुरा के नगर निकाय चुनावों में कई वार्ड में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को पीछे छोड़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मुख्य विपक्षी बनकर उभरी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रविवार को कहा कि निकाय चुनाव के नतीजे 2023 में होने वाले राज्य के विधानसभा चुनाव में टीएमसी की संभावनाओं के संकेत हैं.
दूसरी ओर जीत से गदगद बीजेपी ने कहा है कि निकाय चुनाव के नतीजों ने तृणमूल कांग्रेस के ‘खोखलेपन’ का खुलासा कर दिया है जो दावा कर रही है कि उसने पूर्वोत्तर के इस राज्य में अपनी पैठ बना ली है.
पड़ोसी राज्य में अपनी पार्टी की जीत का जश्न मनाने के लिए यहां कई बीजेपी कार्यकर्ताओं को मिठाई खाते और एक-दूसरे पर गुलाल लगाते हुए देखा गया.
हालांकि टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ट्विटर पर कहा कि यह उनकी पार्टी के लिए ’20 प्रतिशत मत’ हासिल करना ‘असाधारण’ बात है जिसकी त्रिपुरा में न के बराबर उपस्थिति थी.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘हमने बमुश्किल 3 महीने पहले अपनी गतिविधियां शुरू कीं, इसके बावजूद हमें यह प्रतिक्रिया मिली है जबकि बीजेपी ने त्रिपुरा में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. त्रिपुरा टीएमसी के सभी बहादुर सैनिकों को उनके अनुकरणीय साहस के लिए बधाई.’
This is despite the fact that we commenced our activities barely 3 months ago and @BJP4Tripura left no stone unturned to BUTCHER DEMOCRACY in Tripura.
Congratulations to all the brave soldiers of @AITC4Tripura for their exemplary courage.
সবে তো শুরু এবার আসল খেলা হবে। (2/2)
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) November 28, 2021
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इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल में महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि त्रिपुरा में केवल दो महीने पहले पहुंची उनकी पार्टी कई सीटों पर दूसरा स्थान प्राप्त करने में सफल हुई है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब है जब ‘वहां सत्तारूढ़ बीजेपी द्वारा हिंसा की गई.’
त्रिपुरा के विभिन्न नगर निकायों के आ रहे नतीजों के बीच कुणाल ने ट्वीट किया, ‘2023 हमारा है. ये (नतीजे) साल 2023 में तृणमूल कांग्रेस की जीत का आधार बनाएंगे.’ उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस विभिन्न वर्गों का समर्थन हासिल करने में सफल रही है.
बीजेपी पर हिंसा और उकसावे की मदद से जीत दर्ज कर नगरपालिका बोर्ड गठित करने का आरोप लगाते हुए टीएमसी नेता ने दावा किया कि पुलिस और त्रिपुरा राज्य निर्वाचन आयोग भी भगवा पार्टी का पक्ष ले रहा है.
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को उनकी कोशिशों और त्रिपुरा के लोगों का समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया.
इससे पहले दिन में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि भगवा दल राज्य के निवासियों के साथ ‘गहरे संबंध’ को साझा करता है. उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा में तभी जाकर खाता खोल पाएगी जब बीजेपी किसी सीट से उम्मीदवार खड़ा नहीं करने का फैसला करेगी.
बीजेपी नेता ने कहा,‘निकाय चुनाव के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप हैं. तृणमूल कांग्रेस का त्रिपुरा में खाता खुलने की कोई संभावना नहीं है और वह केवल शोर मचा रही है.’
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं, नेताओं और त्रिपुरा को शुभकामनाएं दीं.
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