नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने वायु की गुणवत्ता में सुधार और श्रमिकों को हो रही असुविधा को देखते हुए निर्माण और तोड़फोड़ से संबंधित गतिविधियों पर से रोक हटा दी है.
राय ने कहा कि सरकार स्कूल, कॉलेज तथा अन्य शैक्षणिक संस्थान दोबारा खोलने और सरकारी कर्मचारियों की मौजूदा ‘वर्क फ्रॉम होम’ व्यवस्था पर फैसला बुधवार की समीक्षा बैठक में करेगी.
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में स्थिति में सुधार जारी रहता है, तो संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) संचालित गैर-जरूरी सामान से लदे ट्रकों को शहर में आने की अनुमति देने पर भी विचार-विमर्श करेंगे.’
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभाव के मद्देनजर रविवार को गैर-जरूरी सामानों वाले ट्रक के शहर में प्रवेश पर प्रतिबंध और उसके कर्मचारियों के लिये ‘वर्क फ्रॉम होम’ (घर से काम) की सुविधा को 26 नवंबर तक बढ़ा दिया था.
उन्होंने कहा, ‘कुछ समय के लिए, वायु गुणवत्ता सूचकांक 600 के पार था. हालांकि, वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए गए और हवा की गति में परिवर्तन से भी वायु प्रदूषण के स्तर में धीरे-धीरे कमी आई है.’
राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘वायु गुणवत्ता में सुधार और मजदूरों को होने वाली परेशानी के मद्देनजर हमने निर्माण कार्यों और पुराने ढांचों में तोड़फोड़ करने से संबंधी गतिविधियों पर से रोक हटाने का फैसला किया है. हालांकि, सरकार सभी एजेंसियों द्वारा धूल नियंत्रण के नियमों के क्रियान्यवन की निगरानी जारी रखेगी.’
उन्होंने बताया कि निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 585 निगरानी दल कार्यरत हैं.
उन्होंने आगाह किया, ‘अगर कोई एजेंसी धूल नियंत्रण नियमों की अवहेलना करते पाई गई, तो सरकार बिना नोटिस के उसका काम रोक देगी और जुर्माना लगाएगी .’
उन्होंने कहा कि सीएनजी से चलने वाली एक हजार निजी बसों को किराए पर लिया गया है. इन बसों पर ‘पर्यावरण बस सेवा’ लिखा होगा और लोग उनमें दिल्ली परिवहन निगम की बसों की तरह ही यात्रा कर सकते हैं.
शहर में सोमवार को 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने से प्रदूषकों के फैलने बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 307 दर्ज किया गया, हालांकि वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही रही. रविवार शाम चार बजे एक्यूआई 349 था, जिसमें आज थोड़ा सुधार दर्ज किया गया.