नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना के पायलट ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्तमान को सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक समारोह में वीर चक्र से सम्मानित किया.
27 फरवरी 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक के एक दिन बाद हुए हवाई लड़ाई में पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर एयरक्राफ्ट को मार गिराने के लिए अभिनंदन को वीर चक्र दिया गया है.
इस दौरान अभिनंदन पीओके के क्षेत्र में जा गिरे थे जिसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना ने अपने कब्जे में ले लिया था. भारत की तरफ से दबाव बनाने के बाद अभिनंदन को छोड़ दिया गया था.
भारत ने 26 फरवरी 2019 को पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक किया था.
President Kovind presents Vir Chakra to Wing Commander (now Group Captain) Varthaman Abhinandan. He showed conspicuous courage, demonstrated gallantry in the face of the enemy while disregarding personal safety and displayed exceptional sense of duty. pic.twitter.com/zrmQJgfbEr
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 22, 2021
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सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र मेजर महेश कुमार भूरे शौर्य चक्र से सम्मानित
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सैनिक स्कूल सातारा के पूर्व छात्र मेजर महेश कुमार भूरे को सोमवार को शौर्य चक्र वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया. मेजर भूरे ने उस अभियान का नेतृत्व किया था, जिसमें छह आतंकवादी कमांडर मारे गए थे.
मेजर भूरे तीन साल पहले के इस अभियान के दौरान भारतीय सेना के कैप्टन थे. उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में पदक प्रदान किया गया.
शौर्य चक्र प्रदान करते हुए उनके बारे में कहा गया, ‘कैप्टन महेश कुमार भूरे ने 25 नवंबर 2018 को जम्मू-कश्मीर में एक दल का नेतृत्व किया. इस दौरान उन्होंने अभियान का नेतृत्व किया और योजना बनाई, जिसमें छह शीर्ष आतंकवादी कमांडर मारे गए थे.’
उनके शौर्य चक्र उद्धरण में कहा गया, ‘कैप्टन महेश कुमार भूरे ने लक्षित मकान की अचानक घेराबंदी की, जिसके कारण आतंकवादी फंस गए. आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंक कर और लगातार गोलीबारी करके घेराबंदी तोड़ने की कोशिश की. अधिकारियों ने नजदीक से सटीक निशाना साधकर जवाबी कार्रवाई की, जिसमें एक आतंकवादी मारा गया और अन्य आंतकवादी पीछे हट गए.’
उसमें कहा गया कि मुठभेड़ में अपने साथी को घायल देखकर कैप्टन भूरे ने स्वयं को अत्यधिक जोखिम में डाला और अत्यंत भारी गोलीबारी के बीच उसे बाहर निकाला.
उद्धरण में कहा गया कि इसके बाद, अपने साहस और दृढ़ निश्चय के साथ वह तेज गोलाबारी के बीच आगे बढ़ते रहे तथा उन्होंने एक और आतंकवादी को मार गिराया.
इसमें कहा गया, ‘कप्तान महेश कुमार भूरे ने अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अनुकरणीय नेतृत्व और अद्वितीय साहस का परिचय दिया.’
मेजर भूरे (30) महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया. वह 2014 में सेना में शामिल हुए. इस अभियान में मेजर भूरे के साथी रहे लांस नायक नज़ीर अहमद वानी को पिछले साल मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था. अशोक चक्र शांति के समय दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च वीरता पदक है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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