नई दिल्ली: पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लगभग एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों की मांग मानते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है. पीएम ने अपनी बेबसी जाहिर करते हुए कहा कि पवित्र और पूर्ण रूप से शुद्ध और किसानों की हित की बात वह कुछ किसानों को समझा नहीं सके. गौरतलब है कि किसान तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर लगभग एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन के दौरान लगभग 600 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं.
दरअसल यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम की यह घोषणा राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है. किसानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अपने पांच दशक के सार्वजनिक जीवन में किसानों की समस्याओं को मैंने बहुत करीब से देखा है इसलिए साल 2014 में जब मुझे प्रधानमंत्री के रूप में सेवा अवसर दिया तो हमने कृषि विभाग से किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए, हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया. सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, सॉयल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा. किसानों को उनकी मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी अनेक कदम उठाए गए.
वहीं राकेश टिकैत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आंदोलन को तत्काल वापस नहीं लिया जाएगा. उन्होंने ट्वीट किया कि हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @RakeshTikaitBKU#FarmersProtest
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
रूरल इन्फ्रास्ट्रक्टर को किया मजबूत
देश ने अपने रूरल मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया. हमने MSP तो बढ़ाई ही, साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी खरीद केंद्र भी बनाए. हमारी सरकार द्वारा की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. किसानों की स्थिति को सुधारने के इसी महाअभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे.
मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले. किसानों की स्थिति को सुधारने के इसी महाअभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे.
मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले. देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसानों ने, अनेक किसान संगठनों ने, इसका स्वागत किया, समर्थन किया.
मैं आज उन सभी का बहुत आभारी हूं. हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी.
लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया. आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.
जीरो बजट खेती को दिया जाएगा बढ़ावा
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है- जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती का. इसको बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा. इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे.
पीएम मोदी ने संबोधन की शुरूआत में ही देशवासियों को प्रकाश पर्व के मौके पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह काफी सुखद है कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर कॉरीडोर खुल गया है. उन्होंने कहा कि गुरुनानक ने कहा है कि सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सुखद होता है. हमारी सरकार इसी सेवा का मार्ग अपनाती है.
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