कोलकाता: इसे ‘अभूतपूर्व’, ‘बुनियादी शिष्टाचार की कमी’ और ‘भारतीय राजनीति तथा स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से जवाहरलाल नेहरू का नाम मिटाने की कोशिश’ बताते हुए, रविवार को वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने, 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की वर्षगांठ मनाने के लिए, लोकसभा में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों तथा संसद के वरिष्ठ पदाधिकारियों की अनुपस्थिति पर, तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
दिप्रिंट से बात करते हुए, वरिष्ठ कांग्रेसी सांसद और पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने, इसे ‘अभूतपूर्व और मूर्खतापूर्ण’ क़रार दिया. ये दावा करते हुए कि लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा अध्यक्ष, और बहुत से केंद्रीय मंत्री आयोजन से ग़ैर-हाज़िर थे, उन्होंने कहा कि ये ‘असाधारण’ था.
Extraordinary scene today in Parliament at the traditional function to mark the birth anniversary of those whose portraits adorn the Central Hall. Speaker Lok Sabha absent. Chairman Rajya Sabha absent. Not a single Minister present. Can it get more atrocious than this?!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 14, 2021
दिप्रिंट से बात करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे, ‘खेदजनक और अभूतपूर्व’ क़रार दिया. उन्होंने कहा, ‘उनकी वर्षगांठ पर व्यक्त की गई भावनाएं पुरानी थोथी और खोखली बातें लगती हैं, यदि उनके साथ इस तरह की चूक हो’.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी, बीजेपी सदस्यों के कथित तौर पर लोकसभा आयोजन में शामिल न होने पर, पार्टी की तीखी आलोचना की.
उन्होंने ये कहते हुए सवाल किया, ‘ये एक शर्मनाक हरकत है. वर्तमान व्यवस्था में बुनियादी तमीज़ और राजनीतिक शिष्टाचार की कमी है. नेहरू और उनकी विचारधारा के बीच एक टकराव है. लेकिन वो देश के पहले पीएम को लगातार कैसे नीचा दिखा सकते हैं, जिनका बतौर पीएम 17 साल का एक लंबा कार्यकाल रहा?’
चौधरी ने कहा, ‘मोदी अपने आपको सर्वश्रेष्ठ पीएम दिखाना चाहते हैं, और यही कारण है कि वो और उनकी पार्टी नेहरू की विरासत, और भारत की राजनीति तथा स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से, उनके योगदान को मिटा देना चाहती है. लेकिन देश के नेता का दिल बड़ा होना चाहिए, जो वो (मोदी) दिखाने में नाकाम हैं’.
सांसद ने आगे कहा कि कार्यक्रम में शरीक होने के लिए, वरिष्ठ कांग्रेस नेता संसद में मौजूद रहे थे, और पार्टी दोनों संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाएगी.
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लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया, कि स्पीकर ओम बिरला 2019 और 2020 में, केंद्रीय हॉल में होने वाले आयोजन में शरीक हुए थे. इस साल वो जयपुर में अधिकारिक आयोजन में शिरकत कर रहे हैं. ये कार्यक्रम राजस्थान सरकार ने बाल दिवस के अवसर पर आयोजित किया है, और ये राजस्थान विधानसभा में किया जा रहा है’.
Rajasthan assembly to hold a special session for school children today on #ChildrensDay. Children participating in this session will play the role of Speaker, Chief Minister, Leader of Opposition, Ministers and MLAs. Lok Sabha Speaker @ombirlakota will be the chief guest.
— All India Radio News (@airnewsalerts) November 14, 2021
दिप्रिंट ने टिप्पणी के लिए बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह, और पार्टी के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय से भी संपर्क किया, लेकिन इस रिपोर्ट के छपने तक कोई जवाब नहीं मिला था.
BJP नेताओं ने ट्वीट की श्रद्धांजलि
इस बीच बहुत से बीजेपी नेताओं ने ट्वीट के ज़रिए, नेहरू की 132वीं वर्षगांठ पर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि पेश की.
पीएम नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह तथा नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ मंत्रियों ने अपनी श्रद्धांजलि पेश करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने अभी तक ऐसा नहीं किया है.
Tributes to Pandit Jawaharlal Nehru Ji on his birth anniversary.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 14, 2021
My tributes to India’s first Prime Minister, Pandit Jawaharlal Nehru ji on his jayanti.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 14, 2021
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी को जयंती दिवस पर अभिवादन।
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) November 14, 2021
इसी बीच, राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस पार्टी नेता ने भी कहा, ‘ये व्यवस्था देश के महान संस्थानों को तबाह कर रही है, जिनमें संसद भी शामिल है.’
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