दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर कार्टून में मंजुल भारतीय मीडिया और पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना कर रहे हैं क्योंकि अमेरिकी कांग्रेस में पेंटागन की रिपोर्ट में चीन के अरुणाचल प्रदेश के विवादित क्षेत्र में 100 घरों का एक गांव बनाने की ख़बर भारतीय मीडिया से नदारद रही.
सतीश आचार्या पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हरिकेला हजब्बा का जिक्र कर रहे हैं जो मंगलौर में संतरे बेचने का काम करते हैं. उन्होंने रोजाना 150 रुपए कमा कर हजारों वंचित बच्चों की पढ़ाई के लिए एक प्राइमरी स्कूल खोला.
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र COP26 शिखर सम्मेलन को देखते हुए नाला पोनप्पा एक ऐसे डायस्टोपियन भविष्य की कल्पना कर रहे हैं जिसमें इंद्रधनुष अपने ज्यादा रंग खो चुका हो.
आर. प्रसाद भी जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर रोशनी डाल रही हैं और उन व्यवसायों पर तंज़ कस रहे हैं जो इसे कम करने के लिए गंभीर कदम नहीं उठा रहे हैं.
कीर्तिश भट्ट दिखा रहे हैं कि दो एटीएम एक दूसरे के साथ 8 नवंबर 2016 की खौफनाक यादें साझा कर रहे हैं. इस दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी.
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