लखनऊ: भीम आर्मी प्रमुख और आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में उसी सीट से चुनाव लड़ेंगे जहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मैदान में उतरने का फैसला करेंगे.
आजाद ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि उनका प्राथमिक उद्देश्य आदित्यनाथ को किसी भी कीमत पर हराना है और इसके लिए वह अयोध्या विधानसभा सीट से भी मैदान में उतरने को तैयार हैं. गौरतलब है कि ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री, जो वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य हैं, अयोध्या से चुनाव लड़ सकते हैं.
आजाद ने कहा, ‘मेरे लिए सबसे ज्यादा यही बात अहम है कि योगी आदित्यनाथ विधानसभा न पहुंच पाएं. इसलिए वह जहां से भी चुनाव लड़ रहे होंगे, मैं भी वहीं से मैदान में उतरूंगा.’
उन्होंने कहा, ‘आदित्यनाथ सरकार पिछले साढ़े चार वर्षों में बुरी तरह नाकाम रही है. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में दलितों और मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं. मैं उनके खिलाफ मैदान में उतरकर उन्हें चुनाव में हराना चाहता हूं.’
मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर पार्टी नेतृत्व चाहता है तो वह विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, जिसके बाद इस पर चर्चा शुरू हो गई है कि वह अगले साल के शुरू में होने वाले चुनाव लड़ेंगे.
आजाद ने 2015 में सक्रियता के साथ आंदोलन की राह अपनाई थी, जब उन्होंने दलित समुदाय के छात्रों के साथ होने वाले भेदभाव और जाति-आधारित हिंसा की घटनाओं की प्रतिक्रिया के तौर पर एक दलित अधिकार संगठन भीम आर्मी की शुरुआत की. उन्होंने मार्च 2020 में बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम की जयंती पर अपनी पार्टी बनाई.
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सवर्णों को टिकट नहीं
यूपी चुनावों के लिए अपनी पार्टी की रणनीति के बारे में बताते हुए आजाद ने कहा कि एएसपी केवल दलितों, मुसलमानों या पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी, साथ ही स्पष्ट किया कि किसी भी उच्च जाति के व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘जब हम अछूत हैं, उनकी आवाज उठाते हैं, तो टिकट भी उन्हें ही देंगे और किसी को क्यों देंगे?.’
आजाद ने आगे कहा कि पार्टी की रणनीति न केवल सुरक्षित सीटों पर बल्कि सामान्य सीटों पर भी दलित उम्मीदवारों को खड़े करने की है.
गठबंधन पर अभी कुछ तय नहीं
गठबंधन के बारे में आजाद ने कहा कि वह भाजपा के अलावा किसी भी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं, बशर्ते वह उनकी नवगठित पार्टी एएसपी को बराबर का सम्मान देने को तैयार हो. हालांकि, अभी इस बारे में कुछ भी तय नहीं हुआ है.
आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी के तमाम कार्यकर्ता बसपा के साथ गठबंधन चाहते हैं लेकिन बहनजी ने कोई हरी झंडी नहीं दी है.
इससे पूर्व, आजाद भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर से दो बार मुलाकात करने के बाद उनके भागीदारी संकल्प मोर्चा (छोटे दलों के गठबंधन) में शामिल हो गए थे. हालांकि, राजभर ने उसके बाद अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया है.
आजाद ने कहा कि अगर जल्द गठबंधन नहीं होता है, तो उनकी पार्टी सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी और पार्टी अगले पखवाड़े में 150 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है.
उन्होंने यह भी कहा कि एएसपी का उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक संगठनात्मक आधार है, जिसके तमाम पार्टी कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते हैं.
पिछले महीने, आजाद लखीमपुर खीरी पहुंचने में कामयाबी हासिल करके सुर्खियों में रहे थे, जहां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले की चपेट में आकर कथित तौर पर किसान मारे गए थे. हालांकि, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और सपा के अखिलेश यादव सहित अन्य नेताओं को वहां जाने के दौरान रास्ते में ही हिरासत में लिया गया था.
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