पेट्रोल और डीजल पर करों में कटौती का मोदी सरकार का फैसला, जिस पर कई राज्यों ने भी अमल किया, काफी समय से लागू किया जाना बाकी था. उम्मीद है, यह महंगाई जनित मंदी की चिंताओं से प्रेरित है, न कि उपचुनावों के बाद और विधानसभा चुनावों से पहले की राजनीतिक मजबूरियों की वजह से. ‘दिवाली गिफ्ट’ के तौर पर इसकी पैकेजिंग सिर्फ स्मार्ट राजनीति का हिस्सा है. अर्थव्यवस्था को और कटौती की जरूरत है.