चंडीगढ़: हरियाणा में सिरसा जिले के ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए मंगलवार को जारी मतगणना के रुझान में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार गोविंद कांडा पर जीत हासिल कर ली है.
इस सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान 30 अक्टूबर को हुआ था.
रुझानों के अनुसार, चौटाला ने पहले सात चरण की मतगणना के दौरान लगातार बढ़त बनायी लेकिन बाद के चरणों में मतों का अंतर 8,180 मतों से कम होकर 2,985 मतों तक हो गया. हालांकि अंतिम कुछ चरणों की गिनती में 6,700 मतों से बढ़त बनाई और वो जीत में बदल गई. मतगणना 16 चरणों में हुई.
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चौटाला के विधायक पद से जनवरी में इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव कराना पड़ा है.
दोपहर तीन बजे तक इनेलो उम्मीदवार चौटाला ने कांड़ा से 6,604 मतों की बढ़त बना ली थी. भाजपा-जजपा गठबंधन के उम्मीदवार कांडा इनेलो उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दे रहे हैं जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार पवन बेनीवाल तीसरे स्थान पर हैं. अभी तक की मतगणना के मुताबिक, चौटाला को 65,525 वोट मिले हैं जबकि कांडा को 58,921 और बेनीवाल को 20,729 वोट मिले हैं. चुनावी मैदान में कुल 19 प्रत्याशी है और उनमें से ज्यादातर निर्दलीय हैं. उपचुनाव के लिए 81 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था.
हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख और विधायक गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा पिछले महीने ही सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हुए हैं. सिरसा से विधायक गोपाल कांडा ने भाजपा-जननायक जनता पार्टी की सरकार को समर्थन दिया है.
बेनीवाल हाल में भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए. उन्होंने अभय चौटाला के खिलाफ पिछला विधानसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गए थे.
इनेलो अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय चौटाला ने 2000 में सिरसा जिले में रोरी विधानसभा उपचुनाव जीता था. मुख्य रूप से ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र ऐलनाबाद परंपरागत रूप से चौटाला परिवार का गढ़ रहा है. चौटाला ने 2010 में ऐलनाबाद से उस समय उपचुनाव जीता था, जब इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने जींद जिले में उचाना सीट को बरकरार रखने के लिए ऐलनाबाद सीट खाली कर दी थी. ओम प्रकाश चौटाला ने 2009 में उचाना और ऐलनाबाद दोनों विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा था और जीते थे.
ऐलनाबाद में 2010 के उपचुनाव में अभय सिंह चौटाला ने इस सीट से जीत दर्ज की थी और 2014 के चुनाव में भी इस सीट से जीत को बरकरार रखा था. उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनावों में फिर से ऐलनाबाद से जीत हासिल की. उस समय वह विधानसभा में पहुंचने वाले इनेलो के एकमात्र विधायक थे.
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