नई दिल्ली: 2013 में पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने आठ साल बाद बुधवार को फैसला सुनाया है. इस मामले में 1 नवंबर को सजा की मियाद पर अदालत फैसला सुनाएगी.
एनआईए की अदालत ने इस मामले में 10 आरोपियों में से नौ को दोषी करार दिया है. एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी किया गया है. फिलहाल सभी पटना के बेऊर जेल में बंद है.
2014 के लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान की हुंकार रैली में हुए बम हमले में छह लोगों की जान गई थी और कई घायल हुए थे.
एनआईए ने 6 नवंबर 2013 को इस मामले पर कार्रवाई करनी शुरू की थी और अगस्त 2014 को 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी. इस मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया पर संदह जताया गया था.
नरेंद्र मोदी की 2013 की हुंकार रैली में भाजपा के बड़े नेता मौजूद थे. बाद में रैली की जगह के पास से चार जिंदा बम बरामद किए गए थे.
एनआईए ने इस मामले में 2014 में कथित मास्टरमाइंड हैदर अली, तैफीक अंसारी, मोजिबुल्लाह और नुमान अंसारी को गिरफ्तार किया था. केंद्रीय एजेंसी ने उनपर 5 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया हुआ था.
एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने इसे आतंकी हमला नहीं माना था लेकिन आईईडी और टाइमर के इस्तेमाल की बात को स्वीकार किया था.
नरेंद्र मोदी जहां रैली कर रहे थे वहां छह बम धमाके हुए थे वहीं 2 धमाके मुख्य मंच से 150 मीटर की दूरी पर हुए थे.
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