दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
संदीप अध्वर्यु भारत में हो रही ‘ग्रोथ’ का ज़िक्र कर रहे हैं. वह बता रहे हैं कि यह हासिल करने के लिए डेवलप्मेंट और एनवायरनमेंट की ‘दोहरी’ कीमत चुकानी पड़ती है. संदीप अध्वर्यु केरल और उत्तराखंड में आई पर्यावरण संबंधी आपदाओं के बारे में बात कर रहे हैं.
सजिथ कुमार पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के उस बयान के बारे में ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें उन्होंने अपनी एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की बात कही थी. सजिथ सलाह दे रहे हैं कि उनकी पूर्व पार्टी कांग्रेस को अब प्लेसमेंट एजेंसी शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि उसके कई नेता इसे छोड़ कर जा चुके हैं.
फैब इंडिया के हालिया विज्ञापन ‘जश्न-ए-रिवाज़‘ पर हुए ऑनलाइन विवाद को देखते हुए आर प्रसाद अपने कार्टून में रवींद्रनाथ टैगोर की किताब गीतांजलि से कविता ‘जहां मन भय से मुक्त हो’ (Where is the without fear) का ज़िक्र करते हुए एक ऐसे धर्मनिरपेक्ष भारत की कल्पना कर रहे हैं जहां धर्म के नाम पर कोई अपराध न हो.
ई.पी. उन्नी भारत में 100 करोड़ कोविड वैक्सीन के डोज़ लगने और इसके सकारात्मक प्रभावों के बारे में टिप्पणी कर रहे हैं.
कीर्तिश भट्ट भारत में कोविड वैक्सीन डोज़ के 100 करोड़ का आंकड़ा पार होने पर सरकार द्वारा खुद की पीट थपथपाने को लेकर तंज़ कस रहे हैं. कीर्तिश भट्ट कह रहे हैं कि इस सफलता के पीछे वैक्सीन अभियान में हिस्सा लेने वाले आम आदमी का भी हाथ है.
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