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Saturday, 23 November, 2024
होमदेशUP में घर के पास मृत मिली दलित लड़की की 'हत्या' के पीछे पुलिस को ‘एकतरफा प्रेमी’ पर संदेह

UP में घर के पास मृत मिली दलित लड़की की ‘हत्या’ के पीछे पुलिस को ‘एकतरफा प्रेमी’ पर संदेह

पुलिस के मुताबिक, दसवीं कक्षा की छात्रा की मौत संभवतः जबरन कोई नुकीली वस्तु मारे जाने से लगी आंतरिक चोट के कारण हुई है. पुलिस ने यौन शोषण की बात से इंकार किया है.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस को एक 17 वर्षीय दलित लड़की की कथित हत्या के बीच किसी ‘एकतरफा प्रेमी’ का हाथ होने का संदेह है. लड़की शुक्रवार दोपहर को अपनी ट्यूशन क्लास जाने के लिए घर से निकली थी लेकिन बाद में घर से महज 600 मीटर की दूरी पर मृत पाई गई थी.

पुलिस के मुताबिक, बुलंदशहर जिले के किर्रा गांव में रहने वाली 10वीं कक्षा की छात्रा के माथे पर बाईं ओर आंतरिक चोट लगी है, संभवत: कोई नुकीली वस्तु जबरन मारे जाने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हुई कि उसका यौन उत्पीड़न नहीं किया गया था.

एसएसपी बुलंदशहर संतोष कुमार सिंह ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने इस मामले में हत्या का केस दर्ज कर लिया है. पोस्टमॉर्टम में उसके सिर में चोट लगने की पुष्टि हुई है, जिसकी वजह से ही उसकी मौत हुई है. उसके कपड़े सही-सलामत पाए गए हैं और मेडिकल जांच में साफ हो गया है कि कोई यौन हमला नहीं हुआ है.’

पुलिस के मुताबिक, लड़की दोपहर करीब एक बजे ट्यूशन क्लास के लिए घर से निकली थी और हाईवे की ओर जाने वाली कच्ची सड़क के रास्ते चली गई थी.

संतोष कुमार सिंह ने बताया, ‘पड़ोस का एक जोड़ा शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे साइकिल से उसी रास्ते से गुजर रहा था और उसने देखा कि लड़की सड़क के किनारे पड़ी है. महिला साइकिल से उतरी और उसने युवती को पहचाना. इसके बाद उन लोगों ने ही पुलिस को सूचना दी. लड़की को अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.’

पुलिस ने पास के एक गांव के एक व्यक्ति को हिरासत में भी ले लिया है, जिसे दंपति ने छात्रा के शव के पास देखा था और पड़ोसी गांवों के कुछ संदिग्धों से भी पूछताछ की जा रही है. मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

पुलिस ने लड़की का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और दावा किया है कि उसमें उसे ‘महत्वपूर्ण सुराग’ मिला है जिससे आरोपी तक पहुंचने में मदद मिल सकती है.


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मोबाइल फोन में सबूत

पुलिस को संदेह है कि लड़की की हत्या के पीछे ‘पूर्व प्रेमी’ या ‘एकतरफा आशिक’ का हाथ हो सकता है.

यूपी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें लड़की के फोन में कुछ मैसेज और ऐसी सामग्री मिली है, जिससे पता चलता है कि आरोपी कोई पूर्व प्रेमी या ठुकराया गया आशिक भी हो सकता है. हम इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रहे हैं.

अधिकारी के मुताबिक, पुलिस ने लड़की के फोन का कॉल डिटेल रिकॉर्ड भी खंगाला है, जिससे यह पता चल सके कि उसका शव मिलने से पहले आखिरी के कुछ घंटे में उसकी किससे बात हुई थी.

उन्होंने कहा, ‘हमने लड़की के फोन का सीडीआर हासिल कर लिया है. हमने उन लोगों के नाम निकाले हैं जिनसे वह दिन में अक्सर बात करती थी. इस विश्लेषण के आधार पर हमने कुछ और लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है. जिस व्यक्ति से उसकी आखिरी बार बात हुई थी वह भी संदेह के घेरे में है.’


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चश्मदीद की गवाही

पुलिस के मुताबिक, पीसीआर कॉल करके लड़की के बारे में जानकारी देने वाले दंपत्ति ने पुलिस को यह भी बताया कि उन्होंने लाल टी-शर्ट और काला लोअर पहने एक व्यक्ति को मौके से पास के खेतों की ओर भागते देखा था.

इस जानकारी के बाद युवक की तलाश के लिए पुलिस टीम बनाई गई.

ऊपर उद्धृत अधिकारी ने बताया, ‘हमने संदिग्ध व्यक्ति की तलाश के लिए पांच किलोमीटर के दायरे में अपनी टीम भेजी. पुलिसकर्मी जब पड़ोस के गांव में पहुंचे और लाल टी-शर्ट वाले आदमी के बारे में पूछा तो गांववालों ने बताया कि उन्होंने एक आदमी को छिपते-छिपाते भागकर जाते देखा था. इसके बाद टीम उसी दिशा में आगे बढ़ी. तीसरे गांव पहुंचने पर भी एक अन्य महिला ने पुष्टि की कि उसने लाल टी-शर्ट पहने किसी व्यक्ति को खेतों की ओर भागते देखा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी टीम पीछा करते हुए उसी रास्ते पर आगे बढ़ी और आखिरकार लाल टी-शर्ट वाले उस आदमी को पकड़ लिया गया. उसे थाने लाया गया और पूछताछ की गई लेकिन वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया.

हिरासत में लिया गया व्यक्ति, जिसे एक प्रमुख संदिग्ध माना जा रहा है, खुर्जा गांव का रहने वाला है, जहां से 15 किलोमीटर दूर लड़की का शव मिला था. पुलिस अधिकारी ने कहा, करीब तीस वर्ष की उम्र वाला यह व्यक्ति एक ड्रग एडिक्ट है और उसके बयानों में कोई एकरूपता नहीं है.

अधिकारी ने बताया, ‘हम उससे पूछताछ कर रहे हैं लेकिन अभी तक उसे औपचारिक तौर पर गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं.’


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महिलाओं की सुरक्षा की मांग

यह घटना क्षेत्र में आक्रोश की वजह बन गई है और गांव की युवतियों ने एकजुट होकर ‘आवाजाही के लिए सुरक्षित रास्ते’ की मांग उठाना शुरू कर दिया है.

इस तरह के अपराधों के खिलाफ आवाज उठा रही स्थानीय महिलाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं.

ऐसी ही एक वीडियो क्लिप में गांव की रहने वाली अंशु को पत्रकारों से यह कहते सुना जा सकता है कि, ‘हम परेशान नहीं बल्कि डरे हुए हैं. हम सुरक्षा चाहते हैं. हम अपने घरों में अपने गांव में सुरक्षित नहीं हैं. हमारे गांव के लोग हमें पढ़ने नहीं देते क्योंकि उन्हें लगता है कि बाहर जाना सुरक्षित नहीं है. हमें हमारे घरों के अंदर रखो और बाहर से ताला बंद कर दो, क्या हमारे परिवार यही चाहते हैं?’

उसने संवाददाताओं से कहा, ‘अब हम अपने लिए बोलेंगे. जब हम अपने घरों से निकलते हैं तो सन्नाटे वाले रास्तों पर चलने से डरते हैं. ये लोग हमें भूखे भेड़ियों की तरह देखते हैं और कोई उनसे कुछ नहीं कहता. हमें सिर्फ पढ़ने के लिए हर दिन बहुत कुछ सहना पड़ता है.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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