चंडीगढ़: पंजाब के नये मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेस की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम सबसे आगे है. रंधावा का नाम पर कांग्रेस विधायक दल के नेताओं में सबसे आगे है और पार्टी आलाकमान की मुहर लगने के साथ ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी.
रंधावा अमरिंदर सरकार में कारागार और सहकारिता मंत्री थे. वह गुरुदासपुर के डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह एक अनुभवी कांग्रेस नेता संतोख रंधावा के बेटे हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री दरबारा सिंह के करीबी थे.
इससे पहले, रंधावा ने कहा था कि उनकी कभी किसी पद की लालसा नहीं रही है.
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‘कैप्टन साहब पिता समान’
यह पूछे जाने पर कि अगले मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम को लेकर भी चर्चा चल रही, रंधावा ने कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने कभी किसी पद की लालसा नहीं की है. मुख्यमंत्री पद के नाम पर लगभग मुहर लगने के बाद मीडिया से बातचीत में रंधावा ने कहा, ‘मेरा नहीं, पता नहीं कौन है लेकिन यह पक्का होगा.’
मीडिया से बातचीत के दौरान उनसे मीडिया ने कई कड़े सवाल किए जिसपर उन्होंने कहा कि, ‘बोलते समय कभी कभी लोग ज्यादा बोल जाते हैं इसलिए मैं ज्यादा नहीं बोलना चाहता हूं.’
उनसे पूछा गया कि क्या वो सीएम बनते हैं तो कैप्टन अमरिंदर को साथ लेकर चलेंगे तो उन्होंने कहा, ‘ कैप्टन साहब परिवार के हेड हैं और परिवार में अनबन होती है लेकिन हेड हेड ही होता है. हम दोनों के बीच कई मामलों में डिफरेंसेज रहे हैं लेकिन न तो अमरिंदर साहब ने मेरे खिलाफ कभी कुछ बोला है और न मैंने.’
‘मैं हमेशा उनसे मुलाकात करता रहा हूं. वो मेरे पिता के समान हैं.’
सुखजिंदर रंधावा ने सरकार के काम काज पर उठाए जा रहे सवाल पर भी कहा, ‘सरकार चाहे 4 महीने की हो या 4 दिन की, काम करने वाले के लिए ये समय पर्याप्त है.’
उन्होंने कहा, ‘अगर किसी ने काम नहीं करना है तो उसके लिए 4 साल भी कम हैं.’
मुख्यमंत्री की शपथ को लेकर उन्होंने कहा इस पर अंतिम फैसला आलाकमान ही करेगा.
पत्रकारों ने जब सवाल किया कि क्या वे पंजाब के अगले मुख्यमंत्री से बात कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘आप एक कांग्रेस कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं.’
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अमरिंदर सिंह पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए रंधावा ने कहा, ‘एक मुख्यमंत्री तभी तक अपने पद पर रहता है जब तक उसकी पार्टी और राज्य की जनता उसके साथ खड़ी होती है.’
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया.
दो डिप्टी सीएम बनाने पर भी जोर
हालांकि कांग्रेस में लगातार चल रही मंथन के बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा को सीएम बनाए जाने की बात सामने आई है. यही नहीं पंजाब में दो डिप्टी सीएम बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों अजय माकन और हरीश रावत ने पंजाब में कांग्रेस के विधायक दल के नये नेता के नाम को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की है. जिसके बाद रंधावा के घर पर हलचल बढ़ गई है. लगातार विधायक रंघावा के घर पहुंच रहे हैं.
विधायक दल के नए नेता के चयन के बारे में रंधावा ने कहा, ‘इस बारे में हमने कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत कर दिया है.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने विधायकों के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी चर्चा की है.
यह पूछे जाने पर कि विधायक दल का नया नेता चुनने में इतना समय क्यों लग रहा है, तो रंधावा ने कहा, ‘अगर आप एक गांव का सरपंच चुनते हैं तो उसमें भी कभी-कभी 20 दिन लग जाते हैं.’
अमरिंदर सिंह के अपमानित महसूस करने संबंधी बयान पर उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने पांच मुख्यमंत्री बदले हैं. कांग्रेस में भी कुछ मुख्यमंत्री बदले गए हैं. कांग्रेस में अमरिंदर साढ़े नौ साल तक मुख्यमंत्री रहे. मेरा मानना है कि उनको जितना सम्मान मिला, उतना किसी मुख्यमंत्री को नहीं मिला.’
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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