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Friday, 22 November, 2024
होमविदेशचीन के पक्ष में डेटा के साथ छेड़छाड़ की जांच के बाद विश्व बैंक ने 'डूइंग बिजनेस' रिपोर्ट का प्रकाशन किया बंद

चीन के पक्ष में डेटा के साथ छेड़छाड़ की जांच के बाद विश्व बैंक ने ‘डूइंग बिजनेस’ रिपोर्ट का प्रकाशन किया बंद

इस जांच से यह भी पता चला है कि विश्व बैक के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी (चीफ एग्ज़िक्युटिव) क्रिस्टलिना जॉर्जीएवा सहित इसके कई शीर्ष अधिकारियों ने चीन की रैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारियों पर 'अनुचित दबाव' डाला था.

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नई दिल्ली: विश्व बैंक समूह ने इस गुरुवार को यह घोषणा की कि वह अपनी एक प्रमुख वार्षिक रिपोर्ट ‘डूइंग बिजनेस’ रिपोर्ट’, जिसे यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान वर्ष 2002 से प्रकाशित कर रहा है, को बंद करने जा रहा है.

यह कदम इस साल जून में डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 और 2020 की नैतिकता समीक्षा के दौरान आंतरिक रूप से ‘आंकड़ों में अनियमितताओं’ की रिपोर्ट सामने के बाद उठाया गया है. इससे पहले इस संगठन ने अगस्त में इन रिपोर्टों के प्रकाशन को रोक दिया था क्योंकि उस समय एक आंतरिक जांच की जा रही थी.

गुरुवार को जारी किए गये एक बयान में विश्व बैंक ने कहा कि इसके भूतपूर्व बोर्ड अधिकारियों के साथ-साथ बैक के कुछ वर्तमान और पूर्व बैंक कर्मचारियों के आचरण पर कुछ नैतिक चिंताएं उठाई गयी थीं. इस आंतरिक जांच के निष्कर्षों से यह भी पता चला है कि विश्व बैंक की तत्कालीन मुख्य कार्यकारी क्रिस्टालिना जॉर्जीएवा सहित इसके कई शीर्ष अधिकारियों ने बैंक की ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018′ में चीन की रैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए इसके कर्मचारियों पर ‘अनुचित दबाव’ डाला था.

इस बीच बल्गेरियाई नागरिक जॉर्जीएवा, जो अक्टूबर 2019 से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य कर रहीं हैं, ने इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं.

उन्होने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ‘मैं इस जांच के आंकड़ों में अनियमितताओं संबंधित निष्कर्षों और व्याख्याओं से मौलिक रूप से असहमत हूं, क्योंकि यह विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 में मेरी भूमिका से संबंधित है. मेरी पहले ही इस मामले पर आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के साथ एक प्रारंभिक बातचीत (ब्रीफिंग) हो चुकी है.’

आधिकारिक तौर पर अपनी ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’ को रद्द करने के एलान के बाद विश्व बैंक ने कहा है कि वह अब विभिन्न देशों में व्यापार और निवेश के माहौल का आकलन करने के लिए एक नए दृष्टिकोण पर काम करेगा, लेकिन इस बारे में उसने कोई अधिक विवरण नहीं दिया.


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विश्व बैंक के पूर्व अध्यक्ष ने चीन के ‘स्कोर को बढ़ाने के लिए कर्मचारियों पर दबाव डाला’

विश्व बैंक की इस जांच, जो अमेरिकी कानूनी फर्म विल्मरहेल द्वारा की गई थी, में कहा गया है कि इसके तत्कालीन अध्यक्ष जिम योंग किम के बैंक के कर्मचारियों के साथ 2018 की रिपोर्ट में चीन की रैंकिंग में सुधार के तरीके खोजने के लिए बैठकें कीं. उसके बाद जॉर्जीएवा चीन को बेहतर दिखने के लिए एक ऐसा तरीका ईजाद करने के लिए जुट गई जिससे दूसरे देशों की रैंकिंग पर असर ना पड़े.

इस जांच के निष्कर्षों में बताया गया है कि किम द्वारा ‘चीन के स्कोर को बढ़ाने के प्रयास के तहत रिपोर्ट की कार्यप्रणाली को बदलने’ के लिए बैंक के कर्मचारियों पर ‘प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष’ दोनों तरह के दबाव डाले गए थे.

इसमें आगे कहा गया है कि जॉर्जीएवा और उनके सलाहकार शिमोन जानकोव ने कर्मचारियों पर ‘चीन के डेटा पायंट्स में कुछ विशिष्ट परिवर्तन करने के लिए दबाव डाला ताकि उसकी रैंकिंग को ठीक उसी समय ऊपर किया जा सके जब इस देश द्वारा विश्व बैंक के अपनी पूंजी में वृद्धि करने के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद थी.

इस रिपोर्ट में इन आरोपों की भी छान-बीन की गयी कि सऊदी अरब की रैंकिंग को मजबूत करने के लिए 2020 की रिपोर्ट में भी हेराफेरी की गई और जानकोव इसमें भी शामिल थे.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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