यौन उत्पीड़न की शिकायत पर आईयूएमएल की प्रतिक्रिया शर्मनाक है, जो उसी के महिला छात्र संगठन ने की थी. निकाय की राज्य समिति को भंग करना, फिर उपाध्यक्ष को हटाना क्योंकि उन्होंने शिकायतकर्ताओं का समर्थन किया था, गहरी पितृसत्तात्मक सोच को दिखाता है. पुरुष सहयोगियों द्वारा उत्पीड़न को लेकर सार्वजनिक तौर पर आवाज उठाना ‘अनुशासनहीनता’ नहीं है.