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Friday, 22 November, 2024
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पाक समर्थित अलगाववादी खालिस्तानी संगठन अमेरिका में मजूबत हो रहा है : Report

रिपोर्ट में कहा गया कि महत्त्वपूर्ण यह भी है कि अमेरिका के भीतर खालिस्तान से संबंधित भारत विरोधी सक्रियता हाल में बढ़ी है और वह भी तब जब अमेरिका और भारत चीन के बढ़ते प्रभाव खासकर हिंद-प्रशांत में, उसका सामना करने के लिए सहयोग कर रहे हैं.

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वाशिंगटन : अमेरिका के एक शीर्ष थिंक टैंक ने कहा है कि पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी खालिस्तानी समूह अमेरिका में धीरे-धीरे अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. उसने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार इन संगठनों की भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए नई दिल्ली द्वारा की गई अपीलों के प्रति उदासीन रही है.

‘हडसन इंस्टीट्यूट’ ने मंगलवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट ‘पाकिस्तान का अस्थिरता का षड्यंत्र : अमेरिका में खालिस्तान की सक्रियता’ में पाकिस्तान द्वारा इन संगठनों को दिए जा रहे समर्थन की जांच करने के लिए ‘अमेरिका के भीतर खालिस्तान और कश्मीर अलगाववादी समूहों’ के आचरण को आंका है.

रिपोर्ट में इन समूहों के भारत में उग्रवादी और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों और दक्षिण एशिया में अमेरिकी विदेश नीति पर उनकी गतिविधियों के संभावित हानिकारक प्रभावों पर गौर किया गया है.

रिपोर्ट दर्शाती है कि ‘पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकवादी संगठनों की तरह, खालिस्तानी संगठन नए नामों के साथ सामने आ सकते हैं.’

इसमें कहा गया, ‘दुर्भाग्य से, अमेरिकी सरकार ने खालिस्तानियों द्वारा की गई हिंसा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है, जबकि खालिस्तान अभियान के सबसे कट्टर समर्थक ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में हैं.’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘जब तक अमेरिकी सरकार खालिस्तान से संबंधित उग्रवाद और आतंकवाद की निगरानी को प्राथमिकता नहीं देती, तब तक उन समूहों की पहचान होने की संभावना नहीं है जो वर्तमान में भारत में पंजाब में हिंसा में लिप्त हैं या ऐसा करने की तैयारी कर रहे हैं.’

हडसन इंस्टीट्यूट का कहना है कि पूर्वानुमान राष्ट्रीय सुरक्षा योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसलिए,उत्तरी अमेरिका में स्थित खालिस्तानी संगठनों की गतिविधियों की कानून द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर जांच करना 1980 के दशक में खालिस्तान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा फिर से न होने देने के लिए महत्वपूर्ण है.’

रिपोर्ट में कहा गया कि महत्त्वपूर्ण यह भी है कि अमेरिका के भीतर खालिस्तान से संबंधित भारत विरोधी सक्रियता हाल में बढ़ी है और वह भी तब जब अमेरिका और भारत चीन के बढ़ते प्रभाव खासकर हिंद-प्रशांत में, उसका सामना करने के लिए सहयोग कर रहे हैं.

रिपोर्ट अमेरिकी सरकार से भारत की चिंताओं को गंभीरता से लेने का आह्वान करती है और भारत को इन चिंताओं को दूर करने में मदद करने के लिए आवश्यक खुफिया और कानून प्रवर्तन संसाधनों को उपलब्ध कराने का आग्रह करती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी सरकार को भारत में आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार सभी संगठनों को वैश्विक आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल करना चाहिए और उन विभिन्न व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में नामित करना चाहिए जिनकी भारत और अमेरिकी खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने आतंकवादी संस्थाओं से जुड़े होने के रूप में पहचान की है.

इसने कहा, ‘कश्मीरी और खालिस्तान अलगाववाद का समर्थन करने वाले विभिन्न संगठनों के खिलाफ आतंकवाद को धन मुहैया कराने के कानूनों और नियमों को लागू करें; विदेशों से प्राप्त होने वाली मदद से संबंधित अमेरिकी कानूनों के संभावित उल्लंघन के लिए कश्मीरी और खालिस्तान अलगाववाद का समर्थन करने वाले अमेरिका स्थित संगठनों की जांच करें.’

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