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Friday, 22 November, 2024
होमदेशदिल्ली में मारी गई सिविल डिफेंस वर्कर के परिवार ने कहा- ‘मामले की तह तक जाने के लिए CBI जांच जरूरी’

दिल्ली में मारी गई सिविल डिफेंस वर्कर के परिवार ने कहा- ‘मामले की तह तक जाने के लिए CBI जांच जरूरी’

लाजपत नगर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ऑफिस से जुड़ी पीड़िता की 26 अगस्त को हत्या कर दी गई थी. उसके परिवार का कहना है कि उसके निजी अंगों सहित पूरे शरीर पर चाकुओं से वार किए गए थे.

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नई दिल्ली: विभिन्न दलों के नेताओं ने हाल ही में राजधानी में एक सिविल डिफेंस वर्कर की नृशंस हत्या और कथित बलात्कार की घटना की जोरदार निंदा की और दोषियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने की मांग की है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने निजी हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा, ‘देश की राजधानी में एक सिविल डिफेंस वर्कर का बेरहमी से बलात्कार किया जाता है और उसकी हत्या कर दी जाती है और भाजपा के नियंत्रण वाली दिल्ली पुलिस मामले में पूरी तरह चुप्पी साध लेती है! आशा है कि दोनों सरकारें शुतुरमुर्ग के अपना सिर रेत में छिपा लेने की तरह इस मामले से किनारा नहीं करेंगी…’

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस घटना पर ट्वीट किया और कहा कि उसके परिवार को ‘यह जानने का हक है’ कि उसकी हत्या कैसे और क्यों की गई.

लाजपत नगर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ऑफिस से जुड़ी 21 वर्षीय सिविल डिफेंस वर्कर 26 अगस्त को मृत पाई गई थी. उसके परिवार का कहना है कि उसके निजी अंगों सहित उसके पूरे शरीर पर चाकुओं से वार किए गए थे. संगम विहार निवासी उसका परिवार पिछले एक सप्ताह से जांच की मांग कर रहा है. एक चचेरे भाई मोहनीस अली ने दिप्रिंट को बताया कि परिवार इस मामले में सीबीआई जांच चाहता है और ‘सीबीआई को जांच में शामिल किए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.’


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एक मिस्ड फोन कॉल

26 अगस्त को उक्त युवती रोज की तरह अपने काम के लिए डीएम कार्यालय गई थी. परिवार के लोगों ने बताया कि वह आमतौर पर शाम 6 से 8 बजे के बीच घर लौट आती थी. उस दिन शाम 7:30 से 8:00 बजे के बीच उसने फोन किया, तो परिवार ने उसका कॉल मिस कर दिया और करीब 15 मिनट बाद उन्होंने जब उसे वापस फोन लगाया तो वह बंद बता रहा था.

परिवार को चिंता सताने लगी तो मोहनीस और उसके अन्य भाई संगम विहार में नजदीक स्थित दो स्टॉप (बत्रा बस स्टैंड और हमदर्द बस स्टैंड) पहुंच गए और उसके लौटने की उम्मीद में रात 10 बजे तक इंतजार करते रहे. इसके बाद उसके माता-पिता डीएम कार्यालय पहुंचे लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया और अगले दिन सुबह आने को कहा गया.

लगभग 12-1 बजे रात में युवती के माता-पिता ने उसकी एक दोस्त और सहयोगी से बात की, जिसने बताया कि पुलिस उसे पूछताछ के लिए ले गई है क्योंकि उसके बॉस ‘मेहरा सर’ को किसी मामले में पकड़ा गया है.

मोहनीस ने कहा, ‘उसकी सहेली ने हमसे कहा कि ‘चिंता मत करो वह जल्द घर आ जाएगी.’ इसलिए हम लोग सो गए और तय किया कि सुबह जल्दी डीएम कार्यालय जाएंगे. हम अगली सुबह (27 अगस्त) को डीएम कार्यालय के लिए निकलने ही वाले थे कि सूरजकुंड पुलिस स्टेशन के दो अधिकारी हमारे घर आए और हमें अपने साथ चलने को कहा.’

थाने पहुंचने पर एसएचओ ने बताया कि उसकी हत्या कर दी गई है. उसके शरीर पर लगी चोटें कितनी गंभीर हैं, इसका पता परिजनों को तब लगा जब शव को अंतिम संस्कार के लिए साफ किया जा रहा था.

पीड़िता के परिवार ने उसकी हत्या में निजामुद्दीन के शामिल होने का आरोप लगाया है, जो उसके साथ काम करता था और अब दावा कर रहा है कि वह उसकी पत्नी थी. मोहनीस ने कहा, ‘इसका कोई सबूत नहीं है कि वे शादीशुदा थे, न ही उसने हमें कभी इस बारे में बताया और न ही हमें किसी और से ही ऐसी कोई जानकारी मिली.’ हालांकि, परिजनों को लगता है कि इस मामले में एक से अधिक लोग शामिल हैं.

मोहनीस ने कहा, ‘ये एक आदमी का काम नहीं है. इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए सीबीआई जांच की जरूरत है.’

एक वीडियो में पीड़िता की मां ने यह कहते हुए अपील की है कि उनकी बेटी ‘देश की बेटी’ है और उसे न्याय मिलना चाहिए.

परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि उसकी हत्या में उसके दो साथी शामिल हैं. उन्होंने आगे कहा कि संगम विहार पुलिस स्टेशन ने दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने या स्वीकार करने तक से इनकार कर दिया है. परिवार का कहना है कि दोनों अभी फरार हैं.

दिप्रिंट ने सूरजकुंड के एसएचओ कुलदीप कुमार से फोन कॉल के जरिये संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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