वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि जी7 के सदस्य देश अफगानिस्तान में तालिबान पर अपने रुख पर कायम है और सभी का यह मानना है कि अफगानिस्तान में भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार की वैधता सशस्त्र समूह के अपनी धरती को ‘आतंकवाद का अड्डा’ बनने से रोकने के उसके रुख पर निर्भर करेगी.
बाइडन ने जी7 देशों, संयुक्त राष्ट्र, उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोपीय संघ की ऑनलाइन आयोजित एक बैठक के कई घंटे बाद यह बयान दिया. जी7 सात देशों वाला एक राजनीतिक मंच है, जिसमें अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन शामिल हैं.
बाइडन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा,‘ जी7 के नेता और यूरोपीय संघ, नाटो और संयुक्त राष्ट्र के नेता, सभी इस बात पर सहमत हैं कि तालिबान को लेकर हमारा रुख एक समान है.’
उन्होंने कहा,‘ हम इस बात पर सहमत हैं कि अफगानिस्तान में भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार की वैधता सशस्त्र समूह को अपनी धरती को ‘आतंकवाद का अड्डा’ बनने से रोकने के उसके रुख समेत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखने पर निर्भर करेगी.’
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि जी7 देश इस बात पर भी सहमत हुए कि कोई भी तालिबान की बातों को तवज्जो नहीं देगा.
उन्होंने कहा,‘हम उनके कामों से उन्हें जांचेंगे और तालिबान के रवैए के जवाब में किसी भी प्रतिक्रिया को लेकर निकट समन्वय में रहेंगे.’
बाइडन ने कहा, ‘इसी के साथ हमने अफगानिस्तान के लोगों के लिए अपनी मानवीय प्रतिबद्धता में बदलाव किए हैं और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस की ओर से अफगानिस्तान में निर्बाध मानवीय पहुंच के प्रस्ताव का समर्थन किया है.’
राष्ट्रपति ने कहा कि जी7 नेताओं की बैठक की समाप्ति इस स्पष्ट संदेश के साथ हुई कि ‘ हम एकजुट रहेंगे और जिन बातों पर सहमति बनी हैं उन पर कायम रहेंगे.’
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