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Thursday, 21 November, 2024
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अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत सराहनीय लेकिन सेना भेजी तो अच्छा नहीं होगा-तालिबान

तालिबान के अफगानिस्तान में बढ़ते दबदबे के बीच तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने दुनिया को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि उसके लड़ाके किसी भी एंबेसी और राजदूत को निशाना नहीं बनाएंगे.

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नई दिल्ली: तालिबान के अफगानिस्तान में बढ़ते दबदबे के बीच तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने दुनिया को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि उसके लड़ाके किसी भी एंबेसी, राजदूत या फिर कर्मचारियों को निशाना नहीं बनाएंगे.

समाचार एजेंसी एएनआई से हुई बातचीत के दौरान तालिबानी प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भारत की अफगानिस्तान के विकास में किए गए काम की सराहना की है. लेकिन चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि अगर भारत अफगान की मदद को सेना भेजता है तो वो अच्छा नहीं होगा.

अफगानिस्तान में दो दशक से जारी जंग से अमेरिकी और नाटो बलों की औपचारिक रूप से वापसी के महज कुछ सप्ताह पहले तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को लड़ाकों ने चार और प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा कर लिया इस तरह से देश के समूचे दक्षिणी भाग पर भी उनका कब्जा हो गया है. अब ये लड़ाके देश की राजधानी काबुल की तरफ बढ़ रहे हैं. कई देश एक ओर जहां अफगान स्थित अपने दूतावासों को बंद कर रहे हैं वहीं अपने कर्मचारियों और देश में काम कर रहे नागरिकों को वापस लाने की प्रक्रिया भी तेज कर दी है.


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‘सेना के रूप में मौजूदगी भारत के लिए अच्छी नहीं’

तालिबानी प्रवक्ता ने अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत द्वारा किए जा रहे काम के सवाल पर सराहना की. प्रवक्ता ने कहा, ‘हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए हर काम की सराहना करते हैं. जैसे बांध, राष्ट्रीय और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और ऐसे सभी कामों की सराहना करते हैं जो अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि के लिए है. ‘

सुहैल ने आगे कहा, ‘वे अफगान के लोगों की बात हो या फिर राष्ट्रीय परियोजनाओं की हमेशा से मदद करते रहे हैं. भारत ने पहले भी ऐसा किया है. मुझे लगता है कि इसकी सराहना की जानी चाहिए.’

क्या तालिबान भारत को यह विश्वास दिला सकता है कि अफगान की धरती का उपयोग उसके खिलाफ नहीं होगा? के जवाब में तालिबानी प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारी एक सामान्य नीति है कि हम किसी को भी पड़ोसी देशों सहित किसी भी देश के खिलाफ अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

अफगान द्वारा लगातार भारत से मांगे जाने वाली सैन्य मदद पर लगभग धमकी भरे लहजे में तालिबानी प्रवक्ता सुहैल बोले, ‘ अगर भारत सैन्य रूप से अफगानिस्तान आते हैं और उनकी मौजूदगी होती है, तो मुझे लगता है कि यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा.’ उन्होंने अफगानिस्तान में अन्य देशों के सैन्य उपस्थिति का अंजाम देख लिया है इसलिए उनके लिए यह कुछ भी छिपा नहीं है पूरी खुली किताब है.’

तालिबान के साथ भारत की बैठक के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के हमारे प्रतिनिधिमंडल से मिलने की खबरें थीं, लेकिन मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता. मेरी जानकारी के अनुसार, अलग से कोई बैठक नहीं हुई है, मगर कल दोहा में हमारी एक बैठक थी, जिसमें एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया था.

गुरुद्वारे से निशान साहिब को हटाने की घटना पर तालिबानी प्रवक्ता ने कहा, ‘उस झंडे को सिख समुदाय ने ही हटाया था जब हमारे सुरक्षा अधिकारी वहां गए तो उन्होंने कहा कि अगर कोई झंडा देखेगा तो उन्हें परेशान करेगा. हमारे लोगों ने उन्हें विश्वास दिलाया फिर उन्होंने झंडे को फिर से फहरा दिया.’

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