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Sunday, 22 December, 2024
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वायुसेना की मदद मांगने से अफगानिस्तान की हताशा नजर आती है, लेकिन यह लड़ाई भारत की नहीं है

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.

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तालिबान का मुकाबला करने के लिए अफगान सरकार की तरफ से भारतीय वायुसेना की मदद मांगना यह दर्शाता है कि काबुल कितना हताश है. लेकिन यह लड़ाई भारत की नहीं है. भौगोलिक और भू-रणनीतिक रूप से भी यह असंभव है. अमेरिका और उसके सहयोगियों को अफगानिस्तान को क्रूर मध्ययुगीन हालात की ओर बढ़ने से रोकना चाहिए. भारत थोड़ा सहारा देने के अलावा कुछ नहीं कर सकता.


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