नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ‘औपनिवेशिक युग के कानूनों’ के विरोध में जंतर मंतर पर कथित रूप से मुस्लिम विरोधी नारे लगाने के एक दिन बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
पुलिस उपायुक्त, नई दिल्ली, दीपक यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा,’कानून की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. और जांच जारी है.’
कथित तौर पर रविवार को जंतर- मंतर पर ये नारे ‘औपनिवेशिक कानून और यूनिफॉर्म लॉ बनाएं’ नामक एक मार्च के दौरान लगाए गए थे. पुलिस के मुताबिक, इस कार्यक्रम के आयोजकों को रैली करने की अनुमति नहीं थी.
कोविड -19 दिशानिर्देश के उल्लंघन के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में ऐफ आई आर (FRI) दर्ज की गई है.
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया, जिसमें भीड़ में मौजदू लोगो को मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणीयां करते हुए सुना जा सकता है. इस वीडियो ने ट्विटर पर हंगामा खड़ा कर दिया.
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम उन लोगों की पहचान कर रहे हैं जिन्होंने ये नारे लगाए. हमने वीडियो के सभी रिकॉर्ड ले लिए हैं.’
इस मार्च का आयोजन सुप्रीम कोर्ट के वकील और बीजेपी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने ‘ भारत जोड़ो (यूनाइट) मूवमेंट’ के बैनर तले किया था. सभी के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की मांग करने वाले कार्यक्रम में भाजपा के नेता गजेंद्र चौहान भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि अंग्रेजी कानून समाप्त करें और समान शिक्षा समान चिकित्सा समान कर संहिता समान दंड संहिता समान श्रम संहिता समान पुलिस संहिता समान न्यायिक संहिता समान नागरिक संहिता समान धर्मस्थल संहिता समान जनसंख्या संहिता लागू करें? @narendramodi pic.twitter.com/2yBChEj608
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) August 9, 2021
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‘अनुमति अस्वीकार कर दी गई थी’
सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस आयोजन की अनुमति से इनकार कर दिया गया था. ‘हालांकि, बाद में, यह सूचना मिलने पर कि उपाध्याय एक इनडोर आयोजन के लिए स्थल ले सकते हैं, हमने पूरी व्यवस्था की ..जिसमें सैकड़ों लोग आए, जो हमारी अपेक्षा से अधिक थे.
अधिकारी ने कहा कि ‘हम सोशल मीडिया और पुलिस के पास उपलब्ध वीडियो के आधार पर नारे लगाने वालों की पहचान कर रहे हैं. अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी’.
हालांकि उपाध्याय ने इस कार्यक्रम में मुस्लिम विरोधी नारेबाजी में शामिल होने या जानकारी होने से इनकार किया है.
उन्होंने बार एंड बेंच को बताया, ‘रैली सुबह 10 बजे से 12 बजे तक थी. जबकि नारेबाजी शाम करीब पांच बजे हुई. हमारी रैली (सेंट्रल दिल्ली में) पार्क होटल के बाहर थी लेकिन नारे संसद भवन पुलिस स्टेशन के पास लगाए गए. मुझे नहीं पता कि वे कौन थे.’
घटना के कथित वीडियो में कुछ लोगों को मुसलमानों की हत्या के नारे और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए सुना गया है.
कथित तौर पर इस घटना के वीडियो में ‘हिंदुस्तान में रहना है तो ‘जय श्री राम’ कहना होगा का नारा एक वीडियो में सुना जा सकता है, इसी तरह के एक दूसरे वीडियो में, लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है, कि ‘जब मुल्ले काटे जाएंगे राम राम चिल्लाएंगे.’
"जब मुल्ले काटे जाएँगे
राम राम चिल्लाएँगे"हिंदुस्तान की संसद से कुछ ही दूर पर देश के एक वर्ग को खुलेआम काटने की धमकी।
मोदी जी का नया भारत, अफसोस!@DelhiPolice सबूत सामने है, अब कार्रवाई करने में ढिलाई न बरतें। pic.twitter.com/8TbqeGS61X— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) August 8, 2021