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Friday, 22 November, 2024
होमदेशकाम के लिए लैंडलाइन इस्तेमाल करें, कॉल्स की जगह टेक्स्ट, विनम्र रहें: मोबाइल फोन के लिए उद्धव सरकार के नए नियम

काम के लिए लैंडलाइन इस्तेमाल करें, कॉल्स की जगह टेक्स्ट, विनम्र रहें: मोबाइल फोन के लिए उद्धव सरकार के नए नियम

ये नियम इन आरोपों के बीच आए हैं कि देवेंद्र फड़णवीस की बीजेपी सरकार ने फोन्स टैप कराए, और पेगासस प्रोजेक्ट में भी फोन नंबरों की जासूसी की गई.

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मुंबई: काम के लिए जितना अधिक से अधिक हो सके लैण्डलाइन फोन्स इस्तेमाल कीजिए तथा लिखित संदेशों को वॉयस कॉल्स पर प्राथमिकता दीजिए और वॉयस कॉल्स को छोटे से छोटा रखिए. ये कुछ गाइडलाइन्स हैं जो उद्धव ठाकरे की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए सरकारी काम में मोबाइल फोन्स के इस्तेमाल को लेकर जारी की हैं.

राज्य सामान्य शासन विभाग ने जो मुख्यमंत्री ठाकरे के आधीन है 23 जुलाई को इस आशय का एक सरकारी संकल्प जारी किया है.

ये नियम ऐसे समय आए हैं जब जन प्रतिनिधि उस समय अपने फोन टैप किए जाने के आरोप लगा रहे हैं जब देवेंद्र फड़णवीस की बीजेपी सरकार सत्ता में थी. गाइडलाइन्स ऐसे समय जारी की गई हैं जब पेगासस प्रोजेक्ट ऐसे भारतीय राजनेताओं, नौकरशाहों, बिज़नेस टाइकून्स, पत्रकारों तथा अन्य लोगों की सूचियां जारी कर रहा है जिन्हें कथित रूप से स्पाइवेयर में निशाना बनाया गया.

लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकारी संकल्प स्पाइवेयर मालवेयर और फोन टैपिंग से जुड़े डर का परिणाम नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘पेगासस प्रोजेक्ट की ख़बरें सामने आने से काफी पहले ही हम मोबाइल फोन्स को लेकर ऐसे नियम बनाने की तैयारी कर रहे थे. इसका एक सीधा सा कारण एक शिष्टाचार बनाए रखना है जब कोविड-19 महामारी की वजह से इतने सारे लोग दूर से बैठकर काम कर रहे हैं’.


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विभाग ने इस महीने के शुरू में भी सरकारी कर्मचारियों के लिए नियम प्रकाशित किए थे कि वीडियो कॉल्स के दौरान उन्हें कैसा आचरण करना है.

‘सभ्य भाषा प्रयोग करें, असंसदीय शब्दों से बचें’

राज्य सरकार के संकल्प में कहा गया है कि ये दिशा-निर्देश इसलिए हैं कि कुछ लोग प्रोटोकोल्स का पालन नहीं कर रहे हैं. संकल्प में कहा गया है, ‘देखने में आया है कि कुछ अधिकारी और सरकारी कर्मचारी मोबाइल फोन्स इस्तेमाल करते समय अपेक्षित प्रोटोकोल का पालन नहीं करते. ऐसे आचरण की वजह से सरकार की छवि को ठेस पहुंचती है’.

गाइडलाइन्स में आगे कहा गया है कि ऑफिस समय के दौरान कर्मचारियों को बेहद आवश्यक होने पर ही संचार के लिए मोबाइल फोन्स का इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा लैण्डलाइन्स को ही प्राथमिकता देनी चाहिए. मोबाइल फोन्स इस्तेमाल करते समय कर्मचारियों तथा अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि सभ्य भाषा तथा नीची आवाज़ में बात करें.

गाइडलाइन्स में ये भी कहा गया कि अपने मोबाइल फोन्स पर बात करते समय कर्मचारियों को बहस में नहीं पड़ना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि वो असंसदीय शब्दों का प्रयोग न करें. लिखित संदेशों को वॉयस कॉल्स पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए और वॉयस कॉल्स छोटी से छोटा रखी जानी चाहिएं.

इसके अलावा, कर्मचारियों से कहा गया है कि जन प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों की कॉल्स प्राथमिकता पर लें, भले ही वो पहले से किसी से बात कर रहे हों.

संकल्प में कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकों में कर्मचारियों को अपने फोन्स ख़ामोश रखने चाहिएं, और इयरफोन्स लगाकर नहीं रखने चाहिएं तथा मीटिंग के दौरान अपने फोन चेक नहीं करने चाहिएं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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