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Friday, 22 November, 2024
होमराजनीतिभारी हंगामें के बाद लोकसभा 2 बजे तक स्थगित, PM मोदी बोले- दलितों, पिछड़ों को मंत्री नहीं देखना चाहता विपक्ष

भारी हंगामें के बाद लोकसभा 2 बजे तक स्थगित, PM मोदी बोले- दलितों, पिछड़ों को मंत्री नहीं देखना चाहता विपक्ष

सोमवार को प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से तीखे से तीखे सवाल पूछने को कहा लेकिन साथ ही आग्रह किया कि शांत वातावरण में वह सरकार को जवाब देने का मौका भी दें.

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नई दिल्ली: तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई है. लोकसभा में कई विपक्षी दलों के हंगामे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिपरिषद में शामिल हुए नये मंत्रियों के संबंध में जानकारी सदन के पटल पर रखी.

पीएम ने इस दौरान कहा, ‘मैंने सोचा था कि संसद में उत्साह होगा क्योंकि इतनी महिलाएं, दलित, आदिवासी मंत्री बन गए हैं. इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्रिपरिषद में स्थान दिया गया है.’

विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय कराते हुए कहा, ‘अगर देश की महिलाएं, ओबीसी, किसान बेटे मंत्री बनते हैं तो शायद कुछ लोग खुश नहीं होते. इसलिए अपना परिचय तक नहीं देने देते.’


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‘कांग्रेस का हंगामा दुखद’

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय दे रहे थे तब लगातार विपक्षी दलों के चल रहे हंगामें को लेकर रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नये मंत्रियों का परिचय कराने के दौरान कांग्रेस सदस्यों के हंगामे को दु:खद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, ‘संसद में ऐसा दृश्य अपने 24 वर्ष के संसदीय जीवनकाल में नहीं देखा.’

उन्होंने कहा, ‘मेरा 24 वर्षों का संसद का अनुभव रहा है और हमेशा से देखा है कि जो भी प्रधानमंत्री होते हैं वह कार्यवाही शुरू होने पर सबसे पहले अपने मंत्रिमंडल विस्तार की जानकारी देते हैं.

सिंह ने कहा कि एक मंत्री हों या अनेक मंत्री हों, प्रधानमंत्री सभी का परिचय कराते हैं और पूरा सदन उनकी बात को शांतिपूर्ण तरीके से सुनता है.

‘मैंने अपने 24 वर्ष के संसदीय जीवन में पहली बार देखा है कि इस परंपरा को तोड़ा गया है. कांग्रेस ने आज जो किया है वह दु:खद और दुर्भाग्यपूर्ण है.’

इसके बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे तक रोक दी गई.

तीखे से तीखे सवाल करें राजनीतिक दल, सरकार को जवाब देने का मौका भी दें: PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि संसद का मानसून सत्र सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो क्योंकि जनता कई मुद्दों पर जवाब चाहती है और इसके लिए सरकार पूरी तरह तैयार है.

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन पत्रकारों से चर्चा में प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से तीखे से तीखे सवाल पूछने को कहा लेकिन साथ ही आग्रह किया कि शांत वातावरण में वह सरकार को जवाब देने का मौका भी दें.

उन्होंने टीका लगाने वालों को ‘बाहुबली’ करार दिया और कहा कि अब तक चालीस करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है और आगे भी यह सिलसिला तेज गति से जारी रहेगा.

उन्होंने कहा, ‘कोरोना ऐसी महामारी है जिसकी चपेट में पूरा विश्व और मानव जाति है. हम चाहते हैं कि इस संदर्भ में संसद में सार्थक चर्चा हो ओर प्राथमिकता के आधार पर हो. सारे सांसद का सुझाव भी मिले. इससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत नयापन भी आ सकता है ओर यदि कमियां रह गई हो तो उन्हें ठीक भी किया जा सकता है.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के मुद्दे पर वह सभी मुख्यमंत्रियों और अन्य लोगों से चर्चा करते रहे हैं. उन्होंने इस संबंध में सदन के नेताओं से भी चर्चा करने की इच्छा जताई.

उन्होंने कहा, ‘संसद का यह सत्र परिणामकारी हो और सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो. जनता जवाब चाहती है और सरकार की भी जवाब देने की तैयारी है.’


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