नई दिल्ली: भारतीय सेना में 147 और महिला अधिकारियों स्थायी कमीशन दिया जा रहा है. अब तक कुल 615 अधिकारियों में से 424 को पीसी दी गई है. बुधवार को रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
न्यायालय ने 25 मार्च को कहा था कि महिला एसएससी अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए सेना के मूल्यांकन का मानदंड व्यवस्थागत तरीके से उनके प्रति भेदभाव करता है.
भारतीय सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 147 और महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन (पीसी) प्रदान किया जा रहा है, अब तक कुल 615 अधिकारियों में से 424 को पीसी दी गई है.
सेना की ओर से कहा गया कि प्रशासनिक कारणों से कुछ महिला अधिकारियों के परिणाम रोके गए हैं और एससी में यूओआई द्वारा दायर स्पष्टीकरण याचिका के परिणाम की प्रतीक्षा की जा रही है.
147 more Women Officers are being granted Permanent Commission (PC), taking total PC granted to 424 out of 615 officers considered. Results of few Women Officers withheld for administrative reasons & awaiting outcome of clarification petition filed by UOI in SC: Indian Army pic.twitter.com/YZ5DwTj6gn
— ANI (@ANI) July 14, 2021
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार महिला अधिकारियों पर पुन:विचार किया गया है, ताजा परिणामों की घोषणा कर दी गई है. नतीजतन और 147 महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिया जा रहा है. 615 अधिकारियों का मूल्यांकन किया गया था, जिनमें से कुल 424 अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिया गया है.’
बयान के अनुसार, कुछ महिला अधिकारियों के परिणाम प्रशासनिक कारणों से रोके गए हैं और केन्द्र सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका पर फैसला आने का इंतजार है.
उच्चतम न्यायालय ने फरवरी, 2020 में ऐतिहासिक फैसले में केन्द्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह सुनिश्चित करे कि एसएससी महिला अधिकारियों को कमांड पोस्टिंग सहित सेना में स्थाई कमीशन दिया जाए.
इसके बाद सेना ने महिला अधिकारियों के लिए सितंबर, 2020 में विशेष चयन बोर्ड का गठन किया, जिसने नवंबर 2020 में परिणामों की घोषणा की.
जिन महिला अधिकारियों को नवंबर, 2020 में स्थाई कमीशन नहीं मिला, उन्होंने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी थी, इसी पर न्यायालय ने मार्च, 2021 में फैसला सुनाया.
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि जिन महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन मिला है उन सभी को विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और चुनौतीपूर्ण सैन्य असाइनमेंट से गुजरना होगा, ताकि वे सेना ने उच्च नेतृत्व के लिए तैयार हो सकें.