scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशअर्थजगतशुरू होने के एक महीने बाद भी इनकम टैक्स विभाग के पोर्टल में तकनीकी दिक्कतें जारी

शुरू होने के एक महीने बाद भी इनकम टैक्स विभाग के पोर्टल में तकनीकी दिक्कतें जारी

काफी जोरशोर से नए-नए आयकर पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.इनकमटैक्स.जीओवी.इन की शुरुआत सात जून को की गई थी. शुरुआत से ही पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें आ रही है.

Text Size:

नई दिल्ली: नए आयकर पोर्टल को शुरू हुए एक माह हो गए हैं, लेकिन अभी तक इसकी तकनीकी कमियों को दूर नहीं किया जा सका है. वित्त मंत्री ने भी दो सप्ताह पहले इस पोर्टल के कामकाज की समीक्षा की थी.

सनदी लेखाकारों (सीए) का कहना है कि इस पोर्टल पर कई चीजें मसलन ई-प्रॉसेसिंग और डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र ने अभी तक काम करना शुरू नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा कुछ विदेशी कंपनियों को भी पोर्टल पर लॉगिंग करने में समस्या आ रही है.

काफी जोरशोर से नए-नए आयकर पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.इनकमटैक्स.जीओवी.इन की शुरुआत सात जून को की गई थी. शुरुआत से ही पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें आ रही है. इसी के चलते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जून को इन्फोसिस के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इन्फोसिस ने ही इस नई वेबसाइट को तैयार किया है.

इन्फोसिस को 2019 में अगली पीढ़ी की आयकर दाखिल करने की प्रणाली विकसित करने का ठेका दिया गया था. इसके पीछे उद्देश्य रिटर्न के जांच के समय को 63 दिन से घटाकर एक दिन करना और रिफंड की प्रक्रिया को तेज करना था.

इस बैठक के दो सप्ताह और पोर्टल की शुरुआत के एक महीने के बाद भी प्रयोगकर्ताओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वे पिछले वर्षों का आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पा रहे हैं. आकलन वर्ष 2019-20 और उससे पहले के वर्षों के लिए इंटिमेशन नोटिस डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं. साथ ही विवाद से विश्वास योजना के तहत फॉर्म-3 पोर्टल पर दिख नहीं रहा है.

आईटी पोर्टल में गड़बड़ियों के बारे में पूछे जाने पर इन्फोसिस ने कहा कि आयकर मामले पर चीजों को हाल में संपन्न हमारी सालाना आमसभा में स्पष्ट किया गया है. इस बारे में वित्त मंत्रालय को भेजे गए ई-मेल का भी जवाब नहीं मिला.

बीडीओ इंडिया के भागीदार (कर एवं नियामकीय सेवाएं) अमित गनात्रा ने कहा कि इन्फोसिस की टीम की वित्त मंत्री के साथ 22 जून को बैठक के बाद ऐसा लग रहा था कि सभी मुद्दे जल्द सुलझ जाएंगे. हालांकि, इसके बाद साइट के कामकाज में कुछ सुधार हुआ, लेकिन प्रौद्योगिकी संबंधित चुनौतियां अभी कायम हैं. साइट को पूरी तरह से काम करने में अभी कुछ समय लगेगा.

उन्होंने कहा, ‘ई-प्रक्रियाओं से संबंधित टैब पूरी तरह काम नहीं कर रहा. ऑनलाइन सुधार विकल्प उपलब्ध नहीं है. 5, 6, 7 में आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए जेएसओएन सुविधा उपलब्ध नहीं है. पिछली वेबसाइट की तरह इस पोर्टल में विवाद से विश्वास के बारे में व्यापक जानकारी देने के लिए कोई टैब नहीं है. साथ ही लंबित कार्रवाई टैब के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है.’

ध्रुव एडवाइजर्स एलएलपी के भागीदार संदीप भल्लस ने कहा कि रेमिटेंस से संबंधित फॉर्म 15सीए/सीबी यूटिलिटी उपलब्ध नहीं है. हालांकि, इसे भौतिक रूप से भरने की अनुमति है, लेकिन यह काफी समय लेने वाली प्रक्रिया है.


यह भी पढ़ेंः चार सालों में बढ़ी GST देने वालों की संख्या, 66 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिलः वित्त मंत्रालय


 

share & View comments