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Friday, 22 November, 2024
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वीडियो ऑन, फॉर्मल ड्रेस, कोई स्क्रीनशॉट नहीं- महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक ऑनलाइन मीटिंग के लिए जारी किए नियम

महामारी के कारण वर्चुअल मीटिंग शासन व्यवस्था का अभिन्न अंग बन जाने के मद्देनजर महाराष्ट्र सामान्य प्रशासन विभाग ने कर्मचारियों के लिए नियम-कायदे तय कर दिए हैं.

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मुंबई: वीडियो चालू रखें, स्क्रीनशॉट न लें, फॉर्मल कपड़े पहनें. ये सब कुछ ऐसे दिशानिर्देश हैं जो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने ऑनलाइन मीटिंग के दौरान आचार-व्यवहार के संबंध में अपने सभी कर्मचारियों को जारी किए हैं.

कोविड-19 महामारी के कारण निजी कार्यालयों की तरह सरकारी कामकाज के लिए भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ऑनलाइन बैठकें एक अभिन्न अंग बन जाने के मद्देनजर राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनका कर्मचारियों को ऑनलाइन बैठकों के दौरान पालन करना है. सामान्य प्रशासन विभाग ने 2 जुलाई को इन नियमों के साथ एक सरकारी संकल्प जारी किया है.

राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘कोविड के कारण मंत्रालय (राज्य मुख्यालय) में आगंतुकों की आवाजाही पर पाबंदी है और ऐसे में पहले जो तमाम बैठकें व्यक्तिगत तौर पर होती थी, अब ऑनलाइन ही हो रही हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम लंबे समय से ऑनलाइन मीटिंग के लिए नियम बनाने के बारे में सोच रहे थे. अब, ऐसा लगता है कि ऑनलाइन मीटिंग सरकारी कामकाज का हिस्सा बनी रहेंगी, इसलिए हमने आगे बढ़ने और कुछ दिशानिर्देश जारी करने का फैसला किया. ये नियम सीधे तौर पर मंत्रालय के तहत आने वाले सभी विभागों पर लागू होंगे.’


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क्या करना है और क्या नहीं

प्रस्ताव में बताया गया है कि राज्य सरकार ने अपने सभी विभागों से कहा है कि ऑनलाइन मीटिंग में शामिल होने वाले सभी लोगों को ई-मेल के माध्यम से उपयुक्त जानकारी भेजें और उन्हें सख्त हिदायत दें कि वे ऐसे किसी भी व्यक्ति को उसका लिंक साझा नहीं करेंगे जो बैठक का हिस्सा नहीं होने वाला है.

कर्मचारियों से यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि मीटिंग से पहले उनका इंटरनेट अच्छी तरह से काम कर रहा हो और वह बैठक शुरू होने से कम से कम पांच मिनट पहले लॉग इन कर लें. ऑनलाइन मीटिंग के दौरान भी ड्रेस कोड फॉर्मल ही होना चाहिए.

चूंकि तमाम कर्मचारी कामकाज के लिए दफ्तर जा रहे हैं, इसलिए उन्हें मंत्रालय में अपने कैबिन में रहकर ही लॉगिन करके आधिकारिक बैठकों में हिस्सा लेना होगा. दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘कैमरा इस तरह लगाया जाना चाहिए जिसमें मीटिंग रूम में बैठे किसी भी व्यक्ति का चेहरा स्पष्ट रूप से दिखाई दे और उस कक्ष में पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए.’

कर्मचारियों से यह भी कहा गया है कि जब वे बोल न रहे हों तो अपने माइक्रोफोन को म्यूट कर दें लेकिन फिर भी यह सुनिश्चित करें कि उनका वीडियो कैमरा हर समय चालू रहे और यह भी कि उनके आसपास कोई अन्य व्यक्ति नजर न आ रहा हो.


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‘कोई मोबाइल फोन नहीं, कोई स्क्रीनशॉट नहीं’

कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि जहां तक संभव हो केवल डेस्कटॉप या ऑफिस लैपटॉप का ही इस्तेमाल करें और मीटिंग में लॉग इन करने के लिए अपने निजी मोबाइल फोन के उपयोग से परहेज करें. उनके मीटिंग रूम से कोई फोन कॉल अटैंड करने पर भी पाबंदी लगाई गई है.

दिशानिर्देश में बिना अनुमति ऑनलाइन प्रेजेंटेशन, ऑडियो रिकॉर्ड करने या स्क्रीनशॉट लेने पर सख्ती से रोक लगाई गई है.

अपनी बारी आने से पहले मीटिंग की अध्यक्षता करने वाले व्यक्ति की अनुमति के बिना बोलने की अनुमति नहीं होगी. यदि बैठक के दौरान किसी के पास संबंधित चर्चा पर कोई सुझाव है, तो वह ऑनलाइन मीटिंग टूल पर ‘चैट बॉक्स’ फंक्शन का इस्तेमाल कर सकता है. बैठक में हिस्सा लेने वाले लोग तभी बाहर निकल सकते हैं जब अध्यक्षता करने वाला इसे खत्म घोषित करे.

उक्त अधिकारी ने कहा, ‘मूल रूप से हम यही सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कर्मचारी ऑनलाइन बैठकों में उसी अनुशासन का पालन करें जैसा वे फिजिकल मीटिंग के दौरान करते रहे हैं.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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