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Saturday, 16 November, 2024
होमहेल्थकोविड के रोज 11,000 से ज्यादा मामले और पॉजिटिविटी रेट 10% के पार होने पर केरल ने बनाई नई रणनीति

कोविड के रोज 11,000 से ज्यादा मामले और पॉजिटिविटी रेट 10% के पार होने पर केरल ने बनाई नई रणनीति

किसी संक्रामक रोग के लिए ये एक असामान्य बात है, क्योंकि मामलों की संख्या या तो गिरती है या ऊपर उठती है, और ये इस पर निर्भर होता है कि रोकथाम के उपाय कैसा काम कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: कोविड-19 की संख्या काफी ऊंचे स्तर पर स्थिर होने और पिछले सप्ताह टेस्ट सकारात्मकता दर (टीपीआर) 10 प्रतिशत से ऊपर टिकी रहने के बीच, बुधवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की समीक्षा बैठक के बाद केरल टीपीआर-आधारित स्तरीय प्रतिबंधों के एक नए दौर में शामिल हो गया.

केरल में लगातार कोविड के मामले बढ़ने के बाद, पिछले सप्ताह एक केंद्रीय टीम ने राज्य का दौरा किया. देशभर के उन 90 ज़िलों में से, जहां 80 प्रतिशत नए मामले दर्ज हुए हैं, 14 ज़िले सिर्फ केरल में हैं. केवल तमिलनाडु और महाराष्ट्र, जहां ऐसे 15-15 ज़िले हैं, उससे ऊपर हैं, आकार के मामले में दोनों कहीं ज़्यादा बड़े हैं.

मंगलवार को राज्य सरकार को लिखे एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने केरल से कहा कि वो अपने यहां टीकाकरण और टेस्टिंग को बढ़ाए, इनफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्लानिंग करे और कोविड-अनुरूप व्यवहार सुनिश्चित करे.

1 जून को राज्य में 19,760 पॉज़िटिव मामले दर्ज किए गए लेकिन फिर ये संख्या गिरनी शुरू हुई और 10 जून को 14,424 पर आ गई. उसके बाद से रोज़ाना की संख्या 11,000-15,000 के बीच वीक एंड्स के अलावा) चल रही है. लेकिन तब से ये संख्या इसी सीमा में बनी हुई है.

Graphic by Ramandeep Kaur | ThePrint
चित्रण: रमनदीप कौर/दिप्रिंट

किसी संक्रामक रोग के लिए ये एक असामान्य बात है, क्योंकि मामलों की संख्या या तो गिरती है या ऊपर उठती है, और ये इस पर निर्भर होता है कि रोकथाम के उपाय कैसा काम कर रहे हैं. लेकिन ये स्थिरता एक ऐसी घटना है जो केरल में पहले भी हुई है, दूसरी लहर के चरम पर मामलों की संख्या 4,000-5,000 के बीच स्थिर हो गई थी.

दिप्रिंट ने व्हाट्सएप के ज़रिए प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य, रंजन खोबरागड़े से उनकी प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क किया, लेकिन इस खबर के छपने तक उनका जवाब नहीं मिला.

भारत के कोविड-19 आंकड़ों पर नज़दीकी से नज़र रखने वाले, हेल्थ इकोनॉमिस्ट रीजो जॉन ने कहा, ‘अगर आपको याद हो, तो केरल का पिछला पीक करीब 4,000-5,000 के बीच स्थिर हो गया था और नीचे नहीं आ रहा था. अभी हम वहीं बने हुए थे कि ये पीक आ गया और ये संख्या अब एक ज़्यादा ऊंचे स्तर पर स्थिर हो गई है. मेरे लिए कहना मुश्किल है कि ऐसा क्यों है लेकिन में कोचिन में रहता हूं और मेरे आसपास वीकएंड्स के दौरान भी, जब माना जाता है कि तिहरा लॉकडाउन है, नियमों के काफी उल्लंघन होते हैं…सड़कों पर कोई पुलिस वाले नहीं दिखते’.

तिहरे लॉकडाउन का मतलब ये होता है कि लोगों की गतिविधियों पर पाबंदी हो, क्लस्टर्स में रोकथाम हो और संक्रमित लोगों के घरों पर ध्यान केंद्रित हो.

फिलहाल, एक्टिव मामलों की संख्या में शीर्ष पांच ज़िले हैं- एर्नाकुलम (14,161), मल्लापुरम (13,198), कोझिकोड (11,122), त्रिशूर (8,013) और तिरुवनंतपुरम (7,758).

अभी तक केरल की 10 प्रतिशत से अधिक आबादी का पूरा टीकाकरण हो गया है, जबकि 30 प्रतिशत को पहली खुराक दी जा चुकी है.


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संक्रमण का फैलाव और अतिसंवेदनशील आबादी

केरल में सकारात्मकता दर लगातार ऊंची बनी हुई है लेकिन राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इसका कारण वास्तव में संक्रमण का अधिक फैलाव नहीं बल्कि लक्षित टेस्टिंग है.

कोविड प्रबंधन में शामिल राज्य सरकार के एक अधिकारी ने समझाया, ‘हम कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के बाद लोगों की जांच कर रहे हैं और ऐसे लोगों के टेस्ट कर रहे हैं जो पहले इसके संपर्क में आ चुके हैं, इसलिए हम केवल ऐसे लोगों की जांच कर रहे हैं, जिनके पॉज़िटिव होने की संभावना ज़्यादा होती है. इसीलिए हमारी जांच सकारात्मकता ऊंची है’.

जॉन ने कहा कि ये एक विश्वसनीय लगने वाला परिदृश्य है लेकिन इससे भी संख्या का स्थिर रहना समझ में नहीं आता.

महामारी विज्ञानी और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, डॉ के श्रीनाथ रेड्डी ने कहा: ‘केरल में टेस्टिंग बहुत हो रही है. हालांकि संख्या बहुत ऊंची रही है, लेकिन मेरा अंदाज़ा है कि लोग सफर बहुत कर रहे हैं, और अतिसंवेदनशील लोगों के नए समूह आबादी में शामिल हो रहे हैं. लेकिन संख्या में स्थिरता का कारण ये है कि पहले के संक्रमण और टीकाकरण से कुछ हद तक सुरक्षा मिल जाती है…इसलिए संक्रमण के फैलाव और अतिसंवेदनशील लोगों की संख्या के बीच एक संतुलन पैदा हो गया है’.

हाल ही में प्रकाशित एक संपादकीय लेख में डॉ रेड्डी ने ये भी लिखा: ‘यहां (केरल) के अधिकतर लोग राज्य के बाहर या तो काम करते हैं या पढ़ते हैं, चाहे वो देश में हो या विदेश में हो. वो अपने परिवारों से मिलने के लिए वापस राज्य में आते हैं. केरल में बहुत सारे प्रवासी श्रमिक भी काम करते हैं. कोच्चि के विकास की वजह से भी देश के दूसरे हिस्सों से बहुत से कुशल कामगार राज्य में आए हैं. केरल और पड़ोसी राज्यों के बीच सफर भी बहुत होता है’.


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‘सभी ज़िलों में रोज़ाना 200 से अधिक नए मामले’

6 जुलाई को राज्य को लिखे पत्र में, जिसे दिप्रिंट ने देखा है, केंद्र ने केरल के कई ज़िलों की स्थिति की ओर ध्यान आकृष्ट किया था.

भूषण ने लिखा, ‘हालांकि राज्य में नए मामलों में गिरावट देखी गई है लेकिन 14 में से दो ज़िलों में पिछले चार सप्ताह से नए साप्ताहिक मामले बढ़ रहे हैं. जुलाई 2021 में खत्म होने वाते सप्ताह तक केरल के सभी ज़िलों में रोज़ाना 200 से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं, जो चिंता का सबसे बड़ा विषय है’.

भूषण ने आगे कहा, ‘कोल्लम और वायनाड में पिछले चार हफ्तों (13 जून से 4 जुलाई) के बीच साप्ताहिक मौतों में बढ़ोतरी देखी गई है. त्रिशूर और मल्लापुरम में 20 जून से 4 जुलाई के सप्ताह में, 70 से अधिक मौतें दर्ज हुईं.

तिरुवनंतपुरम में एक घटती हुई प्रवृत्ति देखी गई है लेकिन वहां भी 4 जुलाई को खत्म होने वाले सप्ताह में 111 मौतें देखी गईं, जिनका विश्लेषण किए जाने की आवश्यकता है. सभी सात ज़िलों- कन्नूर, कासरगोड, कोल्लम, कोझिकोड, मल्लापुरम, पलक्कड और त्रिशूर- में पिछले हफ्ते में सौ से अधिक नए मामले दर्ज हुए, जबकि साप्ताहिक सकारात्मकता दर 10 प्रतिशत से अधिक थी’.

राज्य से कहा गया है कि रोकथाम के कड़े उपाय करे और कारगर क्लीनिकल प्रबंधन सुनिश्चित करे.


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नए प्रतिबंधों का ऐलान

बुधवार को मुख्यमंत्री विजयन ने स्थिति की समीक्षा की और टीपीआर-आधारित क्रमिक प्रतिबंधों की घोषणा की. स्थानीय स्व-सरकारी संस्थान चार श्रेणियों में बांटे जाएंगे- ‘ए’ कैटेगरी जिसमें औसत टीपीआर 5 प्रतिशत से कम होगी, ‘बी’ कैटेगरी जिसमें टीपीआर 5 से 10 प्रतिशत के बीच होगी, ‘सी’ कैटेगरी जिसमें औसत टीपीआर 10 से 15 प्रतिशत होगी और ‘डी’ कैटेगरी जिसकी औसत टीपीआर 15 प्रतिशत से अधिक होगी.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘कैटेगरी ‘ए’ और ‘बी’ में सभी सार्वजनिक कार्यालय, पीएसयू कंपनियां, आयोग, निगम, स्वायत्त संगठन, 100 प्रतिशत क्षमता पर काम करेंगे और कैटेगरी ‘सी’ में से सब 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करेंगे. ‘ए’ और ‘बी’ कैटेगरी क्षेत्रों में होटलों और रेस्तरां को, भोजन की टेक-अवे और होम डिलीवरी के लिए रात 9.30 बजे तक खुले रहने की अनुमति है. ‘ए’ और ‘बी’ कैटेगरी क्षेत्रों में जिम और इंडोर स्पोर्ट्स को गैर-एसी हॉल्स/जगहों पर पर्याप्त वेंटिलेशन के साथ खुलने की अनुमति है, जिसमें एक समय पर 20 से अधिक लोग नहीं हो सकते’.

राज्य में 10 और 11 जुलाई को पूरा लॉकडाउन भी लगाया जाएगा, जो वीकएंड है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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