चंडीगढ़ : कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा डेल्टा स्वरूप के कारण संक्रमण के मामले आए। स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) ने सोमवार को यह जानकारी दी.
पीजीआईएमईआर के निदेशक जगत राम ने लोगों से कोविड-19 के संबंध में उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और संक्रमण की कड़ी को तोड़ने, तीसरी लहर के जोखिम को कम करने के लिए टीकाकरण की सलाह दी.
उन्होंने कहा, ‘दूसरी लहर के दौरान केंद्रशासित क्षेत्र चंडीगढ़ में प्रसारित स्वरूप में क्या कोई बदलाव आया, इस पर अध्ययन के दौरान पांच मई से 24 मई की अवधि में संक्रमण के 25 नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए नयी दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) भेजे गए थे.’
पीजीआईएमईआर द्वारा जारी बयान के मुताबिक इनमें से 92 प्रतिशत नमूने चंडीगढ़ के निवासियों के थे। बयान के अनुसार राम ने कहा, ‘दूसरी लहर के दौरान एनसीडीसी भेजे गए नमूनों में डेल्टा स्वरूप (बी 1.617.2) और अल्फा स्वरूप (बी 1.1.7) के क्रमश: 61 प्रतिशत और 30 प्रतिशत मामले थे.’
उन्होंने कहा कि कम गुणवत्ता के कारण दो नमूनों का अनुक्रमण नहीं हो पाया. राम ने कहा कि संस्थान में विषाणु विज्ञान विभाग मार्च 2020 से आरटी-पीसीआर जांच कर रहा है और कुल 2.5 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच की गयी है. एकेडमिक्स के डीन जी डी पुरी ने कहा कि भेजे गए नमूने में डेल्टा प्लस का मामला नहीं मिला.
पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में रविवार को कोविड-19 के 22 नए मामले आए. रविवार के मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक संक्रमितों की संख्या 61,430 और मृतक संख्या 806 हो गयी है.
चंडीगढ़ में वर्तमान में 353 मरीजों का उपचार चल रहा है और 60,271 लोग ठीक हो चुके हैं.